उप मुख्यमंत्री तारिकशोर प्रसाद ने कहा कि विगत कई वर्षों से हमारी सरकार का लक्ष्य राज्य के समावेशी‚ सतत् एवं सर्वांगींण विकास का रहा है। राज्य के विकास में साल–दर–साल नये–नये आयाम जोडे हैं। कोविड–१९ जैसी विकट आपदा के बावजूद वित्तीय वर्ष २०२२–२३ में राज्य की आर्थिक विकास दर ९.७ फीसद रहने का अनुमान है। उप मुख्यमंत्री शुक्रवार को बिहार विधान सभा में वित्तीय वर्ष २०२२–२३ के बजट पर आयोजित वाद विवाद का जवाब दे रहे थे॥। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष २००७ से कृषि रोड मैप के तहत कृषि क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। मुर्गी पालन‚ मछली पालन‚ गौवंश का विकास एवं सहकारिता का विकास किया जायेगा। कृषि को उद्योग से जोडने तथा अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने के उद्ेश्य से राज्य सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण नीति बनाई है। आत्मा ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है और करीब ८० फीसद जनसंख्या इसी क्षेत्र में निवास करती है‚ इसलिए राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने एवं ग्रामीणों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने के लिए जहां एक ओर सडक‚ बिजली‚ शिक्षा‚ स्वास्थ्य‚ स्वच्छ जल इत्यादि के क्षेत्र में बजट को बढाया है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में भी नवोन्मेषी सुधार किए गए हैं। राज्य के माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एवं राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के पद के सृजन की स्वीकृति दी गयी है। वर्ष २०२२–२३ के लिए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार‚ गुणात्मक तथा आधारभूत अधिसंरचना को मजबूत करने के लिए सर्वाधिक बजट का प्रावधान किया है। राज्य में निजी निवेश एवं उद्योग को बढावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया है। अनुसूचित जाति‚ अनुसूचित जनजाति‚ पिछडा वर्ग‚ अति पिछडा वर्ग‚ अल्पसंख्यक वर्ग‚ महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों‚ वृद्धजनों एवं अन्य वंचित वर्गों के हितों के संरक्षण एवं कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में लोक व्यय से राज्य में जहां एक ओर मानव विकास सूचकांक में वृद्धि होगी वहीं दूसरी ओर राज्य को स्वस्थ‚ शिक्षित एवं कुशल नागरिक मिलेंगे। उद्योग‚ औद्योगिक निवेश‚ कृषि‚ सहकारिता एवं पशुपालन आदि प्रक्षेत्र में व्यय के फलस्वरूप राज्य के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा दी जायेगी। इससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे नवयुवकों को रोजगार के असीम अवसर उपलब्ध होंगे। राज्य का फोकस ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की आधारभूत संरचना के विकास पर रहेगा। इससे एक तरफ जहां राज्य में औद्योगिक विकास के लिए दीर्घकालीन पूंजीगत संरचना का निर्माण होगा वहीं दूसरी ओर बडे पैमाने पर निर्माण कार्य होने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजित होंगे जो अंततोगत्वा राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेंगे।
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लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर सभी पार्टियां पूरी ताकत झोंकी हुई हैं. बीजेपी बिहार में काफी मेहनत कर रही है....