मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस–५ स्थित मिथिलेश स्टेडियम में बिहार पुलिस सप्ताह २०२२ के समापन एवं वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि २२ फरवरी से २७ फरवरी तक इस कार्यक्रम के दौरान जो चर्चा होती हैं उससे पुलिस बल को काफी लाभ मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने पुलिस बल पर विशेष ध्यान दिया। समय–समय पर पुलिस बल की गतिविधियों की समीक्षा कर कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर की गयी। पुलिस की सक्रियता के कारण पहले की तुलना में अपराध में काफी कमी आई है। लेकिन शत–प्रतिशत आदमी ठीक नहीं हो सकता। समाज में कुछ गडबड करनेवाली मानसिकता के लोग भी होते हैं। नेशनल क्राइम रिकर्ड ब्यूरो की वर्ष २०२० की रिपोर्ट के मुताबिक आपराधिक घटनाओं के मामले में बिहार २५वें स्थान पर है। वर्ष २०२१ में हत्या‚ दंगा‚ फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में काफी कमी आई है। पुलिस महानिदेशक एवं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को हम कहेंगे कि ससमय कांड का अनुसंधान होना चाहिए। अनुसूचित जाति/जनजाति से जुडे मामलों की जांच ६० दिनों के अंदर पूरी कर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। अगर कोई गडबड करता है तो उसे देखना विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) का दायित्व है। बिहार में पुलिस बल की कम संख्या को ध्यान में रखते हुए बिहार पहला राज्य था जिसने एसएपी (स्पेशल अग्जिलियरी पुलिस) का गठन किया‚ इसमें आर्मी के रिटायर्ड जवानों को लगाया गया। इसके बाद केंद्र ने भी इसे अपनाया। एसएपी के जवानों को भी रिटायर्मेंट तक रखिये।
पुलिस बल में १ लाख ४२ हजार लोगों को बहाल किया जाना है लेकिन सेलेक्शन का काम जितनी तेजी से होनी चाहिए वह नहीं हो पायी है‚ इसमें तेजी लायें। हमलोगों ने एक लाख की आबादी पर पुलिस बल की संख्या ११५ निर्धारित की है‚ इसको भी बढाना है। हम चाहते हैं कि एक लाख की आबादी पर बिहार में पुलिस की संख्या १६५ से १७० हो। कई राज्यों में एक लाख की आबादी पर तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या १९० से १९५ है। पुलिस की बहाली में वर्ष २०१३ में महिलाओं को आरक्षण दिया गया‚ जिसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में २५ हजार से अिाक महिलायें सेवारत हैं। बिहार पुलिस में जितनी बडी संख्या में महिलाओं की तैनाती है उतनी संख्या देश के किसी भी बडे से बडे राज्य में नहीं है। पुलिस बल में महिलाओं की तैनाती ३७ प्रतिशत तक करने का हमारा लक्ष्य है। अभी हम २५ प्रतिशत पर ही पहुंचे हैं। आज के परेड में महिलाओं का चार ग्रुप शामिल था। यह देखकर कितना अच्छा लगता है। हर थाने में अलग–अलग पदों पर महिलाओं की पोस्टिंग करने हेतु उनके आवासन‚ अलग शौचालय एवं अन्य सुविााओं का प्रबंा किया गया है। दो साल से कोरोना के कारण यह काम थोडा ाीमा पड गया था। थाना हो या ओ०पी० सबका अपना भवन होना चाहिए। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड को हम कहेंगे इस काम को जल्द से जल्द पूरा करें।