राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार न्याय के साथ विकास के मूल मांग को केंद्र बिंदु में रखते हुए प्रदेश की सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील है। श्री चौहान ने बिहार विधानमंडल के शुक्रवार से शुरू बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड–१९ महामारी एवं लॉकडाउन के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचा लेकिन इसी दौरान बिहार सरकार के व्यय में कोरोना पूर्व काल से लगभग १३ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई‚ जो सरकार के लोक कल्याणकारी दायित्वों के प्रति कटिबद्धता को दर्शाता है। कोरोना काल में भी राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए निर्धारित राजकोषीय घाटे एवं ऋण दायित्वों की सीमा का भी बखूबी पालन किया। विकट स्थिति के बावजूद राज्य सरकार ने सरकारी कर्मियों एवं पेंशनधारियों को वेतन का समय से पूर्ण भुगतान किया है।
राज्यपाल ने कहा कि आधारभूत संरचना एवं मानव संसाधन के विकास की किरणें बिहार के कोने कोने तक पहुंच रही है। बिहार में सड़क और पुल पुलिया का जाल बिछाकर अब राज्य के सुदूर क्षेत्र से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य पर कार्य योजना बनाकर निर्माण कार्य चल रहा है। आधारभूत संरचना के बाद राज और ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों‚ पुल पुलिया‚ सरकारी भवनों के अनुरक्षण की नीति बनाई जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि राजगीर में अंतरराष्ट्रीय खेल अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम‚ बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र‚ वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय‚ पटना में विधानसभा एवं विधान परिषद के सदस्यों के आवास‚ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी‚ बापू टावर और गर्दनीबाग एवं शासी नगर में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है। सभी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का विकास कार्य कराया जा रहा है। पटना में मेट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है राज्य के नए नगर निकाय बनाए गए हैं। राज्य में नगर निकायों की संख्या बढकर १४२ से बढकर २६२ हो गई है। इससे शहरी क्षेत्र का विस्तार हुआ है और आने वाले समय में नर्सरी क्षेत्रों में भी बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। राज्यपाल ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कृषि रोडमैप बनाकर कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाए जा रहे है। राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिले‚ इसके लिए सरकार पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से धान एवं गेहूं की अधिप्राप्ति करा रही है। पिछले वर्ष खरीफ में ३५ लाख ५९ हजार मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड अधिप्राप्ति हुई थी। इसके बाद रबी में चार लाख ५६ हजार मीट्रिक टन गेहूं की भी अधिप्राप्ति हुई है‚ जो पहले नाम मात्र की होती थी। इस वर्ष खरीफ के मौसम में कुल ४४ लाख ९८ हजार मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। श्री चौहान ने कहा कि मक्का एवं धान के किसानों की आय बढाने के लिए विशेष इथेनॉल नीति लाई गई है जिसके तहत १५१ निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इनमें से १७ प्रस्तावों को केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है‚ इसमें ३५ करोड़ ८० लाख लीटर प्रति वर्ष इथेनॉल खरीद का एकरारनामा हुआ है। राज्य में अनुसूचित जाति‚ अनुसूचित जनजाति‚ अति पिछड़ा वर्ग और सभी वर्ग की महिलाओं तथा अन्य युवाओं के स्वरोजगार एवं उद्यमिता को बढावा देने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना लागू की गई है। इस वित्तीय वर्ष में इन चारो योजनाओं में कुल १५९८६ लाभुक चयनित किए गए हैं। इनका प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण के बाद लाभुकों को वित्तीय प्रोत्साहन एवं ऋण विमुक्ति की जाएगी।
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छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब कल मिल जाने की उम्मीद है। दरअसल कल बीजेपी विधायक...