मोतिहारी के रहने वाले २२ वर्ष के शकीबुल गनी ने अपने बल्ले का कारनामा दिखाते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट के अपने पहले ही मैच में तिहरा शतक ठोक दिया। ऐसा करने वाले वे दुनिया के पहले क्रिकेटर हैं। इस मामले में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड़ अब अपने नाम कर लिया है। कोलकाता में चल रही रणजी ट्रॉफी के पहले मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को शकीबुल ने मिजोरम के खिलाफ ४०५ गेंदों पर ५६ चौके और दो छक्कों की मदद से ३४१ रनों की शानदार पारी खेली।
आज तक दुनिया का कोई भी बल्लेबाज अपने पहले ही प्रथम श्रेणी मैच में इतने रन नहीं बना पाया है। अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड़ इससे पहले मध्य प्रदेश के अजय रोहेरा के नाम था‚ जिन्होंने दिल्ली का खिलाफ वर्ष २०१८ में २६७ रन बनाये थे। शकीबुल इससे पहले बिहार की ओर से सीके नायडू़ क्रिकेट टूर्नामेंट में भी एक तिहरा और एक दोहरा शतक जमा चुके हैं। रणजी मैच के पहले दिन इस बल्लेबाज ने १३६ रन बनाये थे और शुक्रवार को दूसरे दिन उन्होंने पहले अपना दोहरा शतक पूरा किया और फिर तिहरा शतक भी जड़़ दिया। शकीबुल के अलावा मैच में बाबुल कुमार ने भी २२९ रन की पारी खेली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए ५६२ रन की साझेदारी की है। बिहार ने इस दौरान पहली पारी पांच विकेट ६८६ रन बनाकर घोषित की।
कामयाबी यूं ही कदम नहीं चूमती है। इसके लिए मेहनत के साथ समर्पण भी जरूरी होता है। बिहार के मोतिहारी के 22 वर्षीय सकीबुल गनी ने साबित कर दिया है कि अगर आपके पास कुछ हासिल करने का जुनून है तो परेशानियां चाहे जितनी विषम हो, रास्ते निकल ही आते हैं।
सकीबुल रणजी ट्रॉपी की तैयारी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे थे। इसी बीच कोरोना ने पूरे राज्य में पांव पसार दिया। नतीजा राज्य भर में लॉकडाउन लग गया। सभी प्रैक्टिस ग्राउंड बंद हो गए। उन्होंने निराश होने की बजाय अपने घर में ही प्रैक्टिस के लिए नेट ट्रैक बना डाला। यहां बड़े भाई गेंदबाजी और छोटे भाई बल्लेबाजी का प्रैक्टिस करते थे।
पहले परिवार ने, बाद में BCCI ने की मदद
सकीबुल के बड़े भाई फैसल गनी ने बताया, ‘प्रैक्टिस ट्रैक तैयार करने में सबसे बड़ी बाधा पैसे का जुगाड़ करना था। मां इसके लिए भी अपना गहना गिरवी रखने के लिए तैयार हो गई थी। हालांकि, बाद में BCCI ने भी मदद की और प्रैक्टिस ट्रैक तैयार हो गया।’
फैसल बताते हैं, ‘तैयारी दोनों कर रहे थे, लेकिन मेरा चयन टॉप-40 के लिए हुआ। इसके कारण मैं रणजी नहीं खेल सका, लेकिन सकीबुल टॉप-12 में जगह बनाने में कामयाब रहा और आज दुनिया भर में बिहार के झंडे बुलंद कर रहा है। हमें भाई के कीर्तिमान पर गर्व है।’
7 की उम्र में शुरू किया था खेलना
गनी के फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शुक्रवार को इतिहास बनाने के बाद खिलाड़ी और खेल प्रेमियों में खुशी का माहौल है। अगरवा स्थित घर पर माता-पिता को बधाई देने को शुभचिंतकों का तांता लगा रहा। पिता मन्नान गनी ने बताया, ‘7 वर्ष की उम्र से सकीबुल ने क्रिकेट खेलना शुरू किया। बड़े भाई फैसल का साथ मिला और तेजी से बुलंदियों को छूता चला गया। 2017 में सूबे को मान्यता मिली। इसके बाद उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। बिहार की ओर से सत्र 2017-18 और 2018-19 में अंडर- 23 सीके नायडू ट्रॉफी में अपनी प्रतिभा साबित की। इसमें दोहरा व तिहरा शतक जमाया और खेल पंडितों का ध्यान अपनी ओर खींचा। विजय हजारे ट्रॉफी में भी अपनी प्रतिभा साबित की। खुशी तब हुई जब बिहार रणजी टीम में उसका चयन कर लिया गया।’
पिता ने बताया, ‘पूरी उम्मीद थी कि वह बिहार रणजी टीम में अपने चयन से विलक्षण प्रतिभा को सच साबित करके दिखाएगा।’ माता आजमा खातून ने बताया, ‘बेटा ने अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है। एक दिन वह देश के लिए खेलेगा और नाम रौशन करेगा।’