युवक के साथ यौनाचार की कोशिश और विरोध करने पर पिटाई के मामले में आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी (RJD MLC Rambali Chandravanshi) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस मामले में उनके खिलाफ पटना के सचिवालय थाने की पुलिस ने केस (FIR) दर्ज कर लिया है. एमएलसी के खिलाफ आइपीसी की धारा 377, 511 समेत अन्य सुसंगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी पर एक युवक के साथ दुराचार के प्रयास और मारपीट करने का आरोप लगा था.
बता दें कि बीते रविवार को अरवल जिले के सोनभद्र के रहने वाले 30 साल के युवक ने थाने में उनके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी इसके बाद पुलिस ने पीड़ित का बयान दर्ज करते हुए आरोपी बनाए गए एमएलसी के घर पर जाकर छानबीन की थी. प्रथम दृष्टया मामला को सही मानते हुए पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. पटना एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने केस दर्ज किए जाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. दरअसल युवक ने एमएलसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पुलिस को दिए गए आवेदन में पीड़ित युवक का आरोप है कि 4 फरवरी की रात की है वह अपने दो साथियों के साथ अरवल जिले के विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एमएलसी के पटना आवास पर पहुंचा था. रात होने पर एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने उन सभी को आवास पर ही रोक लिया था. खाना खाने के बाद एमएलसी ने उसके दो साथियों को अपने आवास के नीचे कमरे में सोने की व्यवस्था की थी. जबकि युवक को एमएलसी अपने कमरे में सोने के लिए साथ ले गये. रात में एमएलसी ने सोने के दौरान उसके साथ यौनाचार करने की नीयत से अश्लील हरकत करनी शुरू कर दी.
जब युवक ने इसका विरोध किया तो एमएलसी ने उसकी पिटाई भी कर दी. इसके बाद युवक किसी तरह उनके चंगुल से छूट कर अपने दो साथियों के पास पहुंचा और फिर वहां से यह तीनों भाग गए. युवक का आरोप है कि उसका नीले रंग का स्वेटर भी एमएलसी आवास पर ही छूट गया है. पटना पुलिस इस पूरे मामले में पीड़ित के अलावा उसके दोनों साथियों का भी बयान दर्ज करेगी, इसके बाद कानून के प्रावधान के अनुसार पूछताछ करने के लिए आरोपी आरजेडी एमएलसी को नोटिस भेजेगी. इसके अलावा पटना पुलिस इस पूरे मामले में साक्ष्य भी एकत्र करेगी.
कोई पहली बार नहीं है जब रामबली सिंह पर अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप लगा है. रामबली सिंह चंद्रवंशी जब आरजेडी से MLC बनाए जा रहे थे तब भी उन पर एक ऐसा ही मुकदमा पटना के पीरबहोर थाने में दर्ज कराया गया था. यह मामला दो साल पहले का था. हालांकि, बाद में इस मामले में पुलिस से एमएलसी को क्लीन चिट मिल गई थी.