भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee-MPC) की बैठक मंगलवार से शुरू हो चुकी है. बैठक के नतीजों का ऐलान 10 फरवरी 2022 को होगा. बता दें कि लता मंगेशकर के निधन पर महाराष्ट्र द्वारा 7 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की वजह से रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy) की बैठक टल गई थी. अवकाश घोषित होने की वजह से बैठक को एक दिन के लिए टाल दिया गया था. बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बार की पॉलिसी में भी ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद कम है.
बता दें कि ब्रिटेन की एक ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अतिरिक्त नकदी को सोखने के लिए रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती है. बार्कलेज ने रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक नकदी प्रबंधन उपायों को देखते हुए रिवर्स रेपो रेट में 0.20-0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. बार्कलेज के विश्लेषकों के अलावा भी अन्य दूसरे विश्लेषकों ने भी रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया हुआ है. दूसरे विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी उधारी में तेज बढ़ोतरी की वजह से RBI नीति सामान्यीकरण की ओर बढ़ सकता है.
क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है.