सिस्टम’ की खामियों से आहत सुप्रसिद्ध गायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा की पहल काम आई और राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के पेंशन‚ वेतन‚ महंगाई भत्ता के लिए शिक्षा विभाग ने 401 करोड़़ रुपये की राशि जारी की। श्रीमती सिन्हा ने पेंशन की रकम नहीं मिलने के कारण इलाज के अभाव में अपनी सहेली के निधन से आहत होकर अपनी पीड़़ा साझा की थी। सहेली के निधन से दुखी शारदा सिन्हा ने अपनी पीड़़ा जाहिर करते हुए सिस्टम पर सवाल भी खड़़े किए थे। उन्होंने कहा कि सैकड़़ों पेंशनभोगियों की परेशानी उनकी भी परेशानी बनी हुई है।
शारदा सिन्हा ने साफ तौर पर कहा कि एलएमएनयू में उनके साथ कई वर्षों तक कार्यरत उनकी सहेली प्रोफेसर इशा सिन्हा पीजी हेड़ के रूप में रिटायर हुइ। पिछले दो वर्षों से प्रो. ईशा कई प्रकार की बीमारियों से लड़़ रही थीं। इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी लेकिन पिछले सात–आठ महीनों से उन्हें पेंशन की राशि नहीं मिली थी। जबकि उनके पति सच्चिदानंद समस्तीपुर से पटना तक पैसों के इंतजाम में दौड़़ते रहे। अंततः पैसों के अभाव में इलाज बाधित हुआ और उनका निधन हो गया। सिस्टम में व्याप्त खामियों ने शारदा सिन्हा की सहेली की जान ले ली और स्वर कोकिला का दर्द उभरकर सरकार के समक्ष सवालिया निशान बनकर खड़़ा कर गया। शारदा सिन्हा ने यह भी कहा कि पिछले पांच महीनों से उन्हें भी पेंशन की राशि नहीं मिली। बहरहाल‚ विभाग द्वारा राशि जारी करने के बाद शारदा सिन्हा ने कहा कि इससे बड़़ी संख्या में विश्वविद्यालय कर्मियों को राहत मिली।