मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने १ अणे मार्ग स्थित संकल्प में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का उद्ेय है कि सभी योग्य लाभुकों का आवास बनना चाहिए‚ कोई भी छूटे नहीं। जमीनी स्तर पर निरंतर इसकी समीक्षा करते रहें। उन्होंने कहा कि जल–जीवन–हरियाली अभियान के अंतर्गत सार्वजनिक आहर‚ पईन और पोखर को अतिक्रमणमुक्त कराने के दौरान जो परिवार आश्रयहीन हो गये हैं‚ उन्हें भी शीघ्र आवास योजना का लाभ दिलायें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिन लाभार्थियों के आवास स्वीकृत हो चुके हैं और उनके पास अपनी जमीन नहीं है‚ उन्हें मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत ६० हजार रुपये की राशि भूमि खरीदने के लिए मदद दी जा रही है। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोग उठा पायें‚ इसको लेकर प्रचार प्रसार करें। इससे पहले बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को दोनों योजनाओं के अंतर्गत अब तक स्वीकृत आवास‚ पूर्ण आवास एवं लंबित आवासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अब तक २६ लाख ९४ हजार ११८ आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को पूर्ण करने के मामले में देश में बिहार तीसरे स्थान पर है। देश में इस योजना के पूर्ण करने का राष्ट्रीय औसत लगभग ७८ प्रतिशत है जबकि बिहार का लगभग ८६ प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत अब तक १३ हजार १९९ आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं‚ जिसमें ८‚७५३ पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के लाभुकों के संबंध में भी उन्होंने जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ विकास आयुक्त अतुल प्रसाद‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे‚ जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार जुडए थे।