बिहार में कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो गई है। पटना सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 1599 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें से 396 लोग पटना से बाहर के हैं, लेकिन उनकी जांच यहां हुई थी। 1203 लोग राजधानी के हैं, जिसमें 17 साल से कम उम्र के 18 बच्चे भी शामिल हैं। यह डराने वाले आंकड़े सिर्फ 4 घंटे के हैं। शाम तक आंकड़ा बढ़ जाएगा। वहीं, BJP के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘कल जांच में कोरोना पॉजिटिव आया है। सम्पर्क में आए लोग जांच करा लें।’ साथ ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और मंत्री जनक राम की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया, ‘बिहार में कोरोना मरीज 3 से 5 दिन में ठीक हो रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 63 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 98% होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। कोई मरीज 60 साल से अधिक उम्र का है और पहले से बीमारी है तो ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग करते रहें। कोरोना का बढ़ता ट्रेंड इंडीकेट करता है कि यह कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन है। बिहार में डेल्टा व डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस भी हैं। नए वैरिएंट की पहचान के लिए IGIMS में एक और मशीन लगेगी।’
दोनों डिप्टी CM, 4 मंत्री भी पॉजिटिव
राज्य कैबिनेट की बैठक के पूर्व हुई जांच में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी और चार अन्य मंत्री पॉजिटिव पाए गए। सभी कैबिनेट की मीटिंग में नहीं गए। सबने खुद को क्वारैंटाइन कर लिया है। विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह को फिर कोरोना हो गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी पॉजिटिव पाए गए हैं।
बिहार में कोरोना की तेज रफ्तार ने वायरस की पहचान उजागर कर दी है। जांच में अब तक भले ही ओमिक्रॉन के मामले नहीं आए हैं, लेकिन संक्रमण की रफ्तार नए वैरिएंट का इंडिकेटर है। बीते 6 दिनों में वायरस 1050% की रफ्तार से बढ़ा है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ अधिकतर मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट का इंडिकेटर दे रहे हैं। 31 दिसंबर को राज्य में 158 नए मामले आए थे, जो 5 जनवरी को बढ़कर 1,659 हो गए। बीते 5 दिन में करीब 300 डॉक्टर भी पॉजिटिव हुए हैं। यह चिंताजनक स्थिति है, ऐसे में बचकर रहना ज्यादा जरूरी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के पीक पर ही यह रफ्तार देखी गई थी।
डेल्टा और डेल्टा प्लस में यह रफ्तार नहीं
बिहार में अब तक जो भी स्टडी हुई है, उसके मुताबिक डेल्टा और डेल्टा प्लस में संक्रमण दर इतनी तेज नहीं थी। डेल्टा प्लस ने दूसरी लहर में काफी तबाही मचाई, लेकिन संक्रमण की रफ्तार उसमें भी इतनी तेज नहीं थी। जब डेल्टा प्लस वाले वायरस का पीका था तब इतना तेज मामला बढ़ रहा था, लेकिन अभी पीक भी नहीं आया है और यह रफ्तार ओमिक्रॉन का ही इंडिकेटर है। 2021 में जब पीक पर कोरोना आने वाला था तब एक अप्रैल 2021 को 488 नए मामले आए थे और 7 को 1,524 नए संक्रमित हो गए थे। ठीक इसी रफ्तार से कोरोना का संक्रमण इस समय बढ़ रहा है। ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि बिहार में तेजी से फैल रहा संक्रमण कोरोना के नए वैरिएंट के अधिक मामलों वाला है।
स्वास्थ्य विभाग ने माना रफ्तार में ओमिक्रॉन का इंडिकेटर
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की रफ्तार को लेकर यह आशंका जाहिर कर रहा है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस में इस तरह की रफ्तार नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह ट्रेंड इंडिकेट कर रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ ज्यादातर ओमिक्रॉन है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुटा है और संक्रमण का पता लगाने के लिए ओमिक्रॉन की जांच पड़ताल करा रहा है। संक्रमण के बढ़ने का जो ट्रेंड है, वह पूरी तरह से ओमिक्रॉन का इंडिकेशन है।
संक्रमण का ट्रेंड, पहले शहर अब गांव
संक्रमण का ट्रेंड भी VIP की तरह है। विदेश से आने वालों में ही कोरोना के नए वैरिएंट हैं। जब तक नया वैरिएंट नहीं आया था तो भी डेल्टा और डेल्टा प्लस से लोग संक्रमित होते थे, लेकिन अचानक से ट्रेड बदला है। इस बार शहरों में VIP लोगों से संक्रमण शुरू हुआ है और फिर अब ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहा है। शहर में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इसमें डॉक्टर से लेकर VIP लोग शामिल हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि देश में ओमिक्रॉन के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, जिन राज्यों में नए वैरिएंट का संक्रमण है ठीक उन्हीं राज्यों की तरह बिहार में भी संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। अब ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। एक्टिव केस में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में संक्रमण को लेकर अलर्ट है।
3 दिन बुखार नहीं तो मरीज खुद को ठीक घोषित कर सकते हैं, इन्हें दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, बिहार में होम आइसोलेशन की अवधि 7 दिन कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि माइल्ड व एसिंप्टोमैटिक मरीजों के लिए आइसोलेशन की अवधि को 10 दिन नहीं, 7 दिन कर दी गई है। 7वें दिन मरीज बिना टेस्ट कराए ही खुद को स्वस्थ घोषित कर सकता है। बशर्ते उसे लगातार तीन दिनों से बुखार न आया हो। ऐसे मरीजों को दोबारा जांच की आवश्यकता नहीं है। मरीज के परिजनों में भी अगर कोई लक्षण नहीं है तो उन्हें टेस्ट की जरूरत नहीं है पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर मृत डॉक्टर को शहीद का दर्जा देने की मांग की
HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी कोरोना पॉजिटिव हैं। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा- “कोरोना में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की भूमिका की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। कोरोना होने पर अपने साथ छोड़ देते हैं तो यही चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ को ही हमारे अपनों से बढ़कर हमारी सेवा करते हैं। सरकार कोरोना से मृत चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ को शहीद का दर्जा दे यही उनका सम्मान होगा।”
24 घंटे में 1.62 लाख जांच
बुधवार को 1,62,459 लोगों की जांच कराई गई, जिसमें 1,659 पॉजिटिव मिले। अब तक राज्य में 7,30,425 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। इनमें 7,14,631 लोगों ने संक्रमण को मात दी है। जबकि, 12,096 की मौत हुई है। बुधवार को दो मौत हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसे अपने आंकड़ों में नहीं दर्ज किया है। एक नालंदा मेडिकल कॉलेज और दूसरी मौत गया में हुई है। इन दोनों मौत के बाद 12,098 का आंकड़ा पहुंच रहा है। 3697 एक्टिव मामलों के साथ रिकवरी रेट गिरकर 97.84 हो गई है।