जाति एक सच्चाई है. हम चाहे लाख अपने को आधुनिक, प्रगतिशील बोलें लेकिन जातिगत खांचे से हम उपर नहीं उठ पाये हैं. अब तो भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री भी जातिगत आधार पर बंटी हुई नजर आ रही है. पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के हालिया विवाद पर प्रसिद्ध भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री काजल राघवानी की टिप्पणी यही साबित करती है. काजल राघवानी के अनुसार भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री यादव, सिंह, पांडेय में बंटी हुई है. सिंह जी के साथ काम करो तो यादव जी नाराज, यादव जी के साथ काम करो तो पांडेय जी नाराज. पांडेय जी के साथ काम करो तो यादव जी और सिंह जी नाराज. यानि एक जाति वाले के साथ काम करो तो दूसरा जाति वाला नाराज हो जाता है.
काजल राघवानी के बेबाक बयान ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत को तो सामने ला ही दिया है साथ ही सामाजिक, आर्थिक रिश्ते को निर्धारित करने में जाति की भूमिका को भी जाहिर कर दिया है. सवाल है कि आखिर हम जाति के दायरे से कब आगे बढ़ेंगे.
जातिगत आधार पर समर्थन
अब तक तो राजनीतिक दल और नेता खास तौर पर क्षेत्रीय दल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर अपने को किसी जाति विशेष के दल के तौर पर उभार कर अपना वोट बैंक पक्का करने की कोशिश करते रहे हैं. यह प्रवृति विशेष कर उत्तर भारत में ज्यादा ही दिखती है. लगता है अब यही ट्रेंड भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भी चल पड़ा है. पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के ताजा विवाद ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भी जाति की बढ़ती भूमिका को उजागर कर दिया है. सोशल मीडिया पर दोनों अभिनेताओं के पक्ष और विपक्ष में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. यहां भी कुछ हद तक लोग जातिगत आधार पर समर्थन और विरोध करते नजर आ रहे हैं. अभिनेताओं को अपनी जाति से जोड़ कर जातिगत स्वाभिमान को भी उभारने की कोशिश हो रही है.
गानों में जातिगत बोल
पिछले दिनों भोजपुरी गीतों के कई ऐसे एलबम सामने आये हैं जहां जाति को जोड़कर गाने बनाये गये हैं. पांडेय जी का बेटा हूं, जैसे गाने प्रचलन में आए तो इसके जवाब में यादव जी का बेटा हूं जैसे गाने सामने आ गये. ऐसे गानों के व्यूज लाखों में सामने आये. गाने के समर्थन और विरोध में सोशल मीडिया पर कमेंटस की बाढ़ आ गयी. मामला थाना-कचहरी तक चला गया. आखिर ऐसे गानों के पीछे कौन सी सोच काम करती है? शायद गायक और गीतकार जातिगत वर्चस्व की भावना उभार कर अपना फायदा बनाने की कोशिश करते हैं.
2000 करोड़ की है भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का गौरवमयी इतिहास रहा है. कम संसाधन के बावजूद भोजपुरी में कई बेहतरीन फिल्में बनी है. ‘गंगा मईया तोहे पियारी चढ़इबो’, ‘नदिया के पार’, ‘दुल्हा गंगा पार के’ जैसी साफ सुथरी फिल्में इसकी मिसाल हैं. वर्तमान में भोजपुरी फिल्म उद्योग करीब 2000 करोड़ रुपये का हो गया है. अमिताभ बच्चन जैसे महानायक भोजपुरी फिल्म में काम कर चुके हैं. भोजपुरी फिल्मों के अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को भोजपुरी बेल्ट के बाहर भी मान्यता मिल रही है. हिन्दी फिल्म उद्योग में भी उन्हें रोल मिल रहे हैं. टेलीविजन पर बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में भी भोजपुरी हीरो हीरोइन को बुलाया जा रहा है. मनोज तिवारी, रवि किशन, खेसारी लाल यादव, अक्षरा सिंह, संभावना सेठ आदि भोजपुरी कलाकारों ने बिग बॉस में अपना लोहा मनवाया है.
खेसारी यादव और पवन सिंह के दंगल में कूदी अक्षरा सिंह
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार आजकल नए कीर्तिमान बनाने में लगे हैं। पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच चल रहे वाक्युद्ध में एक के बाद एक नए चेहरे कूदते जा रहे हैं। पहले काजल राघवानी ने भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री की गंदगी सामने लाई और अब अक्षरा सिंह ने तो बहुत कुछ कह दिया है। अक्षरा ने कहा कि बरसाती मेंढक सब बिल से बाहर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि एक टूटपूंजिया कलाकार जब एक लड़की को बेआबरू करने के लिए बंद कमरे में गाना गाया था, तो भोजपुरी के वजूद की बात करने वाले कहां थे? ये लोग पैर की धूल बनने लायक नहीं हैं।
केवल लइकी के उतार द नहीं करते हैं दूसरी इंडस्ट्री के लोग
अक्षरा ने कहा कि भोजपुरी को बदनाम करने वालों को रवि किशन और मनोज तिवारी से सीखना चाहिए। ये लोग उनके पैरों की धूल भी नहीं बन सकते। रवि किशन के व्यवहार से ही लगता है कि वे सुपर स्टार हैं। इनको दूसरी इंडस्ट्री से सीखना चाहिए। दूसरी सभी इंडस्ट्री में एक-दूसरे को पुश किया जाता है। केवल लइकी चढ़ तानी, और लइकी के उतार द नहीं करते हैं लोग।
बरसाती मेंढक तक कह डाला
अक्षरा ने कहा कि बरसाती मेंढकों को ध्यान रखना चाहिए कि बरसात का मौसम हमेशा नहीं रहेगा। उपलब्धि को पचाना सीखो। तब खुद भी आगे बढ़ोगे और इंडस्ट्री को भी आगे बढ़ाओगे। भोजपुरी की बात ऐसे नहीं होगी। भोजपुरी की बात करनी है तो हर वक्त पर एक साथ आइए। अक्षरा ने कहा कि वे ऐसे लोगों को कलाकार मानती ही नहीं हैं। नया-नया भेंट कर ली, हकर-हकर पेट कर ली। चार दिन का… कुछ सीख नहीं लिए कि…
चार गाना क्या हिट हो गया, खुद को भगवान बना लिए
अक्षरा सिंह ने ये वीडियो चलती गाड़ी में संभवत: अपने मोबाइल से शूट किया। उन्होंने कहा- आपस में भेंट कर तार, आपन घर में सेंड कर तार….। आरे मूर्ख तहनी के बुझात नइखे, जवन छिपा में खातार, ओही में छेद कर तार… आपस में ही विवाद, आपस में ही लाइव, लाइव, लाइव…, केतना लाइव…, क्या प्रूफ करना चाहते हैं? मौके पर चौका मारने की आदत हो गई है। भोजपुरी के सम्मान की बात करते हैं आप लोग? यहां का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि चार दिए आए, चार गाना हिट हो गया तो खुद को भगवान बना लिए। पहले सीखिए और तब लोला बजाइएगा। गाना गाकर बहुत बड़ा सुपरस्टार नहीं बन गए।