बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को इसके पिछले सत्र के बाद दिवंगत हुई हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा की कार्यवाही राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई। इसके बाद सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने वर्तमान सत्र के लिए पीठासीन पदाधिकारी के रूप में प्रेम कुमार‚ नरेंद्र नारायण यादव‚ अवध बिहारी चौधरी‚ सुश्री ज्योति और मोहम्मद अशफाक आलम के नामों की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कार्यमंत्रण समिति का भी गठन किया। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने वित्त वर्ष २०२१–२०२२ के लिए द्वितीय अनुपूरक पेश किया। इसके अलावा सदन में वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक‚ पंचायती राज संशोधन विधेयक समेत अन्य विधेयक भी पेश किये गये। विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में अधिकार एवं कर्तव्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि नैतिक मूल्यों और लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेवारी सदन के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों की है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के दौरान जन प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मार्गदर्शन में नैतिक और सामाजिक मूल्यों को विकसित करने के लिए जन जागरण अभियान शुरू करने का संकल्प लिया था। श्री सिन्हा ने सदस्यों से सदन की गरिमा बनाये रखने के लिए निर्धारित प्रावधानों के तहत दायित्वों का निर्वहन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ दलों के साथ–साथ विपक्ष का आचरण महत्वपूर्ण है और उम्मीद है कि दोनों पक्ष रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
इसके बाद सदन ने विधायक मुसाफिर पासवान‚ पूर्व विधायक सदानंद सिंह‚ मिथिलेश कुमार सिंह‚ जनार्दन शर्मा‚ गौरीशंकर नाग दंश‚ हिंद केसरी यादव‚ विधान परिषद के पूर्व सदस्य बलराम सिंह यादव‚ खालिद रशीद सबा और रामजी प्रसाद शर्मा को श्रद्धांजलि दी। सदस्यों ने दिवंगत आत्मा की स्मृति में एक मिनट का मौन रखा। इसके बाद सभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई॥।
‘चारों जगहों पर वन साइड इलेक्शन है, जीत NDA की होगी ………..
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार में हो रहे मतदान को लेकर सांसद संजय झा ने कहा कि चारों जगहों...