राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन . बिहार की राजनीति का ऐसा नाम जब प्रदेश में लालू -राबड़ी की सरकार थी तो उनकी तूती बोलती थी. उनके गृह जिले सीवान के लोग उन्हें नाम से नहीं ‘साहेब’ कहकर बुलाते थे. कई मामलों में वांछित रहे यह बाहुबली नेता सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में जेल की सलाखों के पीछे भी गए. बाद में 2015 में शहाबुद्दीन जब राजद-जदयू-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार बनी तो शहाबुद्दीन जेल से बाहर भी आए. लेकिन, उनके सीएम नीतीश कुमार को ‘परिस्थितियों का मुख्यंत्री’ बताते हुए दिए गए एक बयान ने उनकी पूरी सियासत ही खत्म कर दी. इसके बाद वे फिर उनको जेल जाना पड़ा और अंत में सलाखों के पीछे ही उनकी मौत हो गई. अब जब वह इस दुनिया में नहीं हैं तो उनकी पत्नी हिना शहाब और बेटे ओसामा शहाब उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं. हालांकि ‘साहेब’ के बेटे की सियासत कुछ और रुख लेती दिख रही है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से ओसामा शहाब की मुलाकात के बाद इसके सियासी अर्थ खोजे जा रहे हैं.
ऐसी राजनीतिक कयासबाजियों में सच्चाई कितनी है यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन ओसामा शहाब की सीएम नीतीश कुमार के करीबी कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से मुलाकात ने नई सियासी चर्चा को जरूर जन्म दे दिया है. दरअसल नालंदा जिले के अस्थावां प्रखंड का मुस्तफापुर गांव फिर से चर्चा में आ गया है. शुक्रवार की रात में राजद नेता रहे स्व. शहाबुद्दीन के बेटे मो. ओसामा शहाब केन्द्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह से मिलने उनके पैतृक गांव पहुंचे थे. दोनों के बीच करीब आधे घंटे बातचीत हुई.
बताया जा रहा है कि ओसामा शहाब अपनी बहन की शादी का आमंत्रण कार्ड देने के लिए केंद्रीय मंत्री के घर पहुंचे थे. यह भी कहा जा रहा है कि ओसामा शहाब और आरसीपी सिंह के बीच लंबी बातचीत हुई. लेकिन, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई. ओसामा शहाब के साथ आए लोगों ने बताया कि आरसीपी सिंह ने शहाबुद्दीन की असामयिक मौत के लिए उनके बेटे के सामने संवेदना प्रकट की. साथ ही, ओसामा की हाल ही में हुए निकाह के लिए बधाई भी दी. हालांकि इस मुलाकात के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं.