भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि विधान सभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपनी हार देख नीतीश कुमार एक बार फिर अनाप–शनाप बयानबाजी में उतर आए हैं। हम पंचायत चुनाव में हिंसा व प्रशासन का लगातार दुरूपयोग देख रहे हैं। लोगों की कहीं पुलिस की गोली से तो कहीं सामंती अपराधियों द्वारा हत्या हो रही है। पूरे राज्य में प्रशासन की मिलीभगत व संरक्षण में ही अपराध बढ रहा है। मोरियावां गोलीकांड में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। सीवान में बिझौल गांव के माले कार्यकर्ता दिनेश मांझी को गोली मार दी गई। माले महासचिव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विगत ११ महीने से आंदोलनरत किसानों के प्रति भाजपा का रवैया हम देख रहे हैं। भाजपा मंत्री के पुत्र ने लखीमपुर खीरी में किसानों को गाडी से कुचलकर मार दिया। इसलिए यह उपचुनाव महज दो सीट पर उपचुनाव नहीं है बल्कि मोदी व नीतीश सरकार से जवाब मांगने का है। हमने राजद को दोनों जगहों पर समर्थन दिया है। हमारे साथी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के ७५ साल में मोदी सरकार अमृत महोत्सव कर रही है। ऐसा लगता है कि आजादी के आंदोलन के मंथन से जो अमृत निकला वह मोदी के हिस्से और जो विष निकला वह जनता के हिस्से। उन्होंने कहा कि सावरकर जिन्होंने अंग्रेजों से ६–६ बार माफी मांगी‚ उन्हें आईसीएचआर के पोस्टर में नेहरू की जगह स्थान दिया जा रहा है। ये एक तरफ गांधी की बात करते हैं और दूसरी ओर हत्यारे गोडसे की पूजा कर रहे हैं। आज आजादी के आंदोलन के सपने व मूल्यों की हत्या हो रही है। इसलिए हमने बटुकेश्वर दत्त के जन्म दिन १८ नवम्बर को एक बडे कार्यक्रम से इस अभियान की शुरूआत का निर्णय किया है। आजादी के ७५ साल पर धारावाहिक कंपेन चलेगा। जम्मू–कश्मीर में डोमिसाइल का सब्जबाग दिखाकर मोदी सरकार ने धारा ३७० खत्म कर दिया‚ लेकिन आज वहां आज बिहार के मजदूरों की हत्या की जा रही है। वे भारी असरुक्षा हैं। इसका जवाब मोदी व अमित शाह को देना होगा। आज पूरे देश व बिहार में आंदोलन में तेज होगा। संवाददाता सम्मेलन में राज्य सचिव कुणाल‚ पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर व फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी मौजूद थे।
किस आधार पर मिलता बीमारू राज्य का तमगा……..
आपने अक्सर अखबारों और किसी राजनीतिक बहस में ‘बीमारू राज्य’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल होते हुए देखा होगा. क्या आप...