उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं की समीक्षा की और निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे लाभार्थियों के चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो और इसमें किसी तरह की गडबडी‚ भेदभाव की गुंजाईश न बचे। चयन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए और अभ्यर्थियों को भी ये जानकारी मिले कि उनका आवेदन चयनित या अस्वीकृत किस आधार पर हुआ है।
विभागीय समीक्षा बैठक के बाद मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के साथ बिहार के युवाओं की बडी उम्मीद जुडी हुई है। इस साल ८००० लाभार्थियों के चयन के लक्ष्य के विरुद्ध कुल ६२‚३२४ आवेदन मिले हैं। हमने ये सुनिश्चित कर दिया है कि इस योजना में रत्ती भर भी गडबडी न हो‚ लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता से हो। किसी ने ठगी या गडबडी करने की कोशिश तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
पूर्ववर्ती उद्यमी योजनाओं के लाभार्थियों को दें बकाया किस्त‚ देरी पर होगी कार्रवाई
समीक्षा बैठक में उद्योग मंत्री ने बिहार के सभी जिलों के उद्योग विभाग के महाप्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि दिसंबर माह तक पहले से चल रही दो मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं में चयनित उद्यमियों का बकाया किस्त उपलब्ध करा दें। इसमें किसी बहाने से देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में चयनित लाभार्थियों को समय पर किस्त का भुगतान करना योजना की सफलता के लिए बेहद जरूरी है‚ इसलिए जिला उद्योग महाप्रबंधक खुद योजना में चयनित लाभार्थियों से मिलें‚ उनकी हैंड होल्डिंग करें और जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर पहली‚ दूसरी या तीसरी जो भी किस्त बकाया हो‚ उसका भुगतान दिसंबर माह तक पूरा कर विभाग को रिपोर्ट सौंपें। उद्योग मंत्री ने विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों से कहा है कि जिला उद्योग केंद्र में आने वाले निवेशकों या उद्यमियों की हैंड होल्डिंग करें। जो उद्योग लगा चुके हैं उन्हें भी किसी वजह से परेशान न किया जाए बल्कि उनकी समस्याओं का निपटारा कर राज्य में छोटे–बडे उद्योगों की स्थापना में पूर्ण सहयोग करने की नीयत से काम करें। मंत्री हुसैन ने ७ करोड की लागत से मुजफ्फरपुर‚ सारण‚ दरभंगा‚ सासाराम व अन्य जिलों में बन रहे छात्रावास सहित प्रशिक्षण केंद्र भवन के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की और इसे जल्दी से पूरा करने का निर्देश दिया।