तेजप्रताप यादव के लालू प्रसाद को दिल्ली में बंधक बनाए जाने के आरोपों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बिहार आने वाले हैं। कहा जा रहा है कि लालू 22 अक्टूबर को पटना आ सकते हैं। इस दौरान वे कुश्वेश्वरस्थान और तारपुर सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी की जीत के लिए प्रचार करेंगे। 25 को उन्हें कुशेश्वरस्थान जाना है और 27 को तारापुर जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि तेजस्वी ने राजद प्रमुख को पटना बुलाने का फैसला तेजप्रताप के आरोपों के बाद लिया है। इसके पहले तक उनके पटना आने का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ था, मगर बदली परिस्थिति में राजद को होने वाले नुकसान को देखते हुए लालू को पटना लाने की जरूरत समझी गई।
चारा घोटाले के मामले में इसी साल अप्रैल में जमानत पर रिहा लालू अभी दिल्ली में बड़ी बेटी व राज्यसभा सदस्य मीसा भारतीय के सरकारी आवास पर रह रहे हैं। काफी दिनों से उनके राजधानी आने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिरी बार लालू बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के विवाह में पेरोल पर पटना आए थे। शनिवार को अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के प्रशिक्षण शिविर में राजद सुप्रीमो के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने यह कहते हुए सियासी गलियारे में हलचल तेज कर दी थी कि लालू प्रसाद को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है। समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा के विधायक तेजप्रताप ने इशारों में तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया था। तेजप्रताप इतने में ही नहीं रुके थे, उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजद अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं पर यह सच नहीं होने वाला। तेजप्रताप ने यह भी कहा था कि लालू यादव के रहते पार्टी के दरवाजे बिहार की जनता के लिए खुले रहते थे मगर अब रस्सा बंध गया है। तेजप्रताप ने कहा कि मैंने पिताजी से कहा कि पटना चलिए। साथ रहेंगे। पहले हमारे घर का दरवाजा खुला रहता था। आप आउटहाउस में बैठे रहते थे और जनता से मिलना-जुलना होता था। किंतु अब क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि लालू के दिल्ली में रहने के कारण जनता हमसे दूर हो गई है। हालांकि बड़े भाई तेजप्रताप के बयान के बाद तेजस्वी ने सफाई देते हुए रविवार को कहा है कि राजद सुप्रीमो को कौन बंधक बना सकता है।