ऐसा कहा जा रहा है कि सीआईए के एक अधिकारी को हाल ही की भारत यात्रा के दौरान ‘हवाना सिंड्रोम’ के लक्षण महसूस हुए। यह एक रहस्यमयी बीमारी है जिसके लक्षण सिर्फ ऐसे अमेरिकी अधिकारियों में देखे गए हैं जो विदेश में तैनात किए गए थे। इस अधिकारी की पहचान जाहिर नहीं की गई है लेकिन कहा जाता है कि उसे उपचार की जरूरत पड़़ी है। यह अधिकारी कुछ दिन पहले सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स के साथ भारत आया था। ‘हवाना सिंड्रोम’ सबसे पहले २०१६ में क्यूबा में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले अमेरिकी अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों में देखा गया था। इन सभी का कहना था कि उन्हें घरों और होटल के कमरों में अजीब आवाजें और सेंसेशन महसूस होता है। इसका पता लगते ही क्यूबा में अमेरिकी दूतावास की अधिकांश गतिविधियों को बंद कर दिया गया था। ये गतिविधियां आज तक स्थगित हैं। तब से अब तक लगभग २०० लोगों में इसके लक्षण पाए गए हैं। ‘हवाना सिंड्रोम’ के लक्षणों में माइग्रेन‚ जी मचलाना‚ याददाश्त कमजोर हो जाना और चक्कर आना शामिल हैं। इसकी चपेट में आए लोगों को लगता है जैसे तरंगों के धक्के उनसे टकराए हैं। अनुमान है कि ये माइक्रोवेव तरंगें हैं। सीआईए ने अभी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। भारत की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सीआईए निदेशक के भारत दौरे को बेहद गोपनीय रखा गया था‚ बर्न्स अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए भारत आए थे‚ उस दौरान उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत ड़ोभाल के साथ बैठक हुई थी। अमेरिका ऐसे मामलों में रूस पर शक जाहिर करता रहा है‚ बर्न्स खुद एक बार रूस का नाम ले चुके हैं। इस घटना को लेकर अमेरिका बहुत गंभीर है‚ सीआईए के एक अधिकारी को सिंड्रोम की तफ्तीश करने वाली एक टास्क फोर्स का मुखिया नियुक्त किया गया है। इस अधिकारी ने ओसामा बिन लादेन की तलाश करने वाले अभियान का भी नेतृत्व किया था। घटना भारत के लिए भी चिंताजनक है‚ और इस घटना की सत्यता का पता लगाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिंए। इससे आशंका बन गई है कि हो सकता है कि किसी अमेरिका विरोधी देश ने इस हरकत के लिए भारत में अपने संसाधनों का इस्तेमाल किया हो।
चेन्नई के आसमान में राफेल और सुखोई ने दिखाई ताकत, वायुसेना के एयर शो में दिखा अद्भुत नजारा
अपनी 92वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय वायु सेना ने आज तमिलनाडु के चेन्नई मरीना एयरफील्ड में एक एयर एडवेंचर...