शास्त्रीनगर थाना के शिवपुरी में महावीर ज्वेलर्स में हुई लाखों के गहने व नकदी लूट मामले में पुलिस ने तीन लोगों को दबोचा है। तीनों इंजीनियरिंग के प्रतियोगी छात्र हैं। एक फरार है और वह भी इन लोगों के साथ कोचिंग करता था। पुलिस ने लूट के गहने के अलावा एक पिस्तौल‚ पंद्रह कारतूस‚ एक मैगजीन‚ लूट में इस्तेमाल की गई बाइक को बरामद कर लिया है। लूट में शामिल छात्रों के दबोचे जाने की जानकारी एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में दी। उनके साथ सिटी एसपी मध्य अमरीश राहुल भी थे। शिवपुरी जीरो नंबर रोड़ में २ सितम्बर की देर शाम हथियारबंद बदमाशों ने महावीर ज्वेलर्स से ४० हजार नकद और साढ़े तीन लाख रुपये मूल्य के गहने लूट लिये थे। बदमाशों ने मालिक महावीर को पिस्तौल के हत्थे से मार कर जख्मी कर दिया था और दहशत फैलाने के लिए हवा में चार गोलियां भी दागी थीं। पुलिस को मौके से एक खोखा मिला था। वारदात में संलिप्त बदमाशों को दबोचने के लिए पुलिस टीम लगातार प्रयास कर रही थी। पुलिस को सीसीटीवी व अन्य सूत्रों से पता लगा कि पुनाईचक अटल पथ से सटे पोस्ट ऑफिस गली के लॉज में रहने वाले छात्रों की गतिविधि संदिग्ध है। उन लोगों से मिलते–जुलते हुलिए के लड़़कों को वारदात के वक्त घटनास्थल के आसपास देखा गया था। एसएसपी को जानकारी मिली कि लॉज में रहने वाले लड़़के की जांच करने से मामले का खुलासा हो सकता है। एसएसपी की विशेष टीम के कुछ जवानों को लॉज में बतौर बतार किरायेदार रखा गया। पुलिस टीम ने ३६ घंटे तक उनलोगों की गतिविधियों पर नजर रखी। पुलिस जब आश्वस्त हो गयी कि लूट में ये लोग संलिप्त हैं आर उनका फुटेज भी मेल खा रहा था। पुलिस ने लॉज पर बाइक से पहुंुचे नवगछिया के सिंधिया मकंदपुर चौक निवासी शुभम कुमार और भोजपुर के मुफ्फसिल थाना के खजुरिया निवासी करण कुमार को दबोच लिया।
तलाशी लेने पर इनके पास से एक पिस्तौल दो मैगजीन और पांच कारतूस बरामद किया गया। उन लोगों के बयान पर तत्काल लॉज में छापेमारी की गयी‚ जहां से भोजपुर के हाउसिंग चंदवा थाना मुफ्फसिल को दबोच लिया गया। कमरे की तलाशी लेने पर महावीर ज्वेलर्स से लूटे गये गहने दस कारतूस बरामद किया गया।
दोस्त से मांगी बाइक से वारदात को दिया अंजाम
बदमाशों ने बताया कि वे लोग इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए लॉज लेकर रहते हैं। घटना के दिन इन तीनों के अलावा एक और दोस्त लूट में शामिल था। घटना को अंजाम देने के लिए इनकी एक बाइक थी । दूसरी बाइक एक दोस्त से कुछ देर में लौटाने का वादा कर लाए थे। घटना से एक सप्ताह पूर्व इन लोगों ने ज्वेलरी दुकान की रेकी कर ली थी। इन लोगों ने बताया कि पहली बार इन लोगों ने अपराध किया है। दूसरे दिन जब सभी अखबारों में खबर छपी तो ये लोग ड़र गए और इसी वजह से गहने बेच नहीं पाए।
छात्रों के परिजन व कोचिंग संचालक अपनी जिम्मेवारी निभाएं एसएसपी
एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि कहने को पकड़े़ गये तीनों लड़़के इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे‚ लेकिन पंद्रह माह में ये लोग एक भी दिन कोचिंग नहीं गये। पुलिस ने पूरी जांच की है। हैरत की बात है कि ये लोग छात्र थे लेकिन कमरे में एक भी किताब नहीं मिली। वहां सिगरेट के काफी पैकेट मिले। शराब या बोतल नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जब पंद्रह महीने से ये लड़़के कोचिंग नहीं जा रहे थे तो कोचिंग संचालक को इनके परिजन को सूचित करना चाहिए था। परिजन को भी चाहिए कि अपने बच्चों की खोज खबर लें। एसएसपी ने कहा कि कोचिंग संचालक लोकल गार्जियन होते हैं। संचालक को उनके परिजन को खबर करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कोचिंग संचालकों व छात्रों के परिजन को अपनी जिम्मवारी निभानी होगी।