तालिबान के शासन तले अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किए जाने की आशंका के बीच समूह ने कहा है कि उसे कश्मीर समेत हर कहीं मुस्लिमों के पक्ष में बोलने का अधिकार है। हालांकि उसने कहा कि उसकी किसी भी देश के खिलाफ ‘सशस्त्र अभियानों’ को अंजाम देने की नीति नहीं है। दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बृहस्पतिवार को वीडि़यो लिंक के जरिए बीबीसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा‚‘हम आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुस्लिम आपके अपने लोग हैं‚ आपके अपने नागरिक और उन्हें आपके कानून के तहत समान अधिकार मिलने चाहिए।’ शाहीन ने कहा कि मुस्लिम होने के नाते यह समूह का अधिकार है कि वह कश्मीर तथा किसी भी अन्य देश में रह रहे मुस्लिमों के लिए आवाज उठाए। अमेरिका के साथ दोहा समझौते की शर्तों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी ‘किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान करने की कोई नीति नहीं है।’कुछ दिन पहले नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के अनुरोध पर दोहा में उसके राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की। उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण साझेदार
अफगान तालिबान ने चीन को अपना ‘सबसे महत्वपूर्ण साझेदार’ बताते हुए कहा है कि उसे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और तांबे के उसके समृद्ध भंड़ार का दोहन करने के लिए चीन से उम्मीद है। अफगानिस्तान भूख व आर्थिक बदहाली की आशंका का सामना कर रहा है।तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि समूह चीन की ‘वन बेल्ट‚ वन रोड़’ पहल का समर्थन करता है जो बंदरगाहों‚ रेलवे‚ सड़़कों और औद्योगिक पार्कों के विशाल नेटवर्क के जरिए चीन को अफ्रीका‚ एशिया और यूरोप से जोड़़ेगी। जियो न्यूज ने मुजाहिद के हवाले से कहा‚ चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण साझेदार है और हमारे लिए एक मौलिक और विशेष अवसर पेश करता है क्योंकि यह हमारे देश में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है। मुजाहिद ने बृहस्पतिवार को एक इतालवी अखबार को दिए साक्षात्कार में यह टिप्पणी की। मुजाहिद ने कहा‚ देश में तांबे की समृद्ध खदानें हैं‚ जो चीनियों की मदद से वापस संचालित हो सकती हैं। इसके अलावा‚ चीन दुनिया भर के बाजारों के लिए हमारा रास्ता है।
चीन तालिबान के प्रति कुछ सकारात्मक बयान देता रहा है और उसने उम्मीद जताई है कि विद्रोही विवेकपूर्ण घरेलू और विदेशी नीतियों का पालन करेंगे‚ सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करेंगे‚ अन्य देशों के साथ सद्भाव से रहेंगे तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान क्षेत्र में रूस को भी एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है।