पंजाब कांग्रेस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रहे घमासान को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है। हरीश रावत ने कहा है कि पार्टी में सबकुछ All is Well नहीं है। हरीश रावत का यब बयान साफ बता रहा है कि सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन के बीच छीड़ी कलह आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी पर भारी पड़ सकती है।
गुरुवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की प्रशंसा की और कहा कि राज्य सरकार ने कई काम ऐसे किए हैं जो बेहद अच्छे रहे लेकिन हम उन कामों की प्रशंसा नहीं कर पाए। कैप्टन सरकार के नाराज मंत्रियों के मिलने नहीं आने पर हरीश रावत ने कहा कि जो मंत्री उनसे मिलने नहीं आए वे उनका शुक्रिया करते हैं क्योंकि अगर वे मिलने आते तो उनके पूरे दौरे को मीडिया उसी से जोड़ देता।
वहीं, आपको बता दें कि इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली आकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व यानि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था लेकिन तीनों ने सिद्धू को मिलने का समय नहीं दिया और इस वजह से सिद्धू को खाली हाथ पंजाब वापस लौटना पड़ा है।
दरअसल, सिद्धू और कैप्टन के बीच खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है और दोनों में सुलह की नए सिरे से कोशिश करने के लिए कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंचे हुए थे और दोनों नेताओं को आमने सामने बैठाकर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहते थे लेकिन सिद्धू ने हरीश रावत से मुलाकात करने के बजाय दिल्ली आकर अपनी बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने रखना बेहतर समझा।
हरीश रावत को दरकिनार करना सिद्धू पर अब भारी पड़ गया है और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी तथा सोनिया गांधी में से किसी ने भी सिद्धू को मुलाकात के लिए समय नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत को दरकिनार किए जाने की वजह से कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सिद्धू से नाराज है।