मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय परिषद की बैठक 29 अगस्त को पटना में होने वाली है. इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक 28 अगस्त को होगी. पार्टी में कई स्तरों पर बदलाव हुए हैं इस कारण बैठक का दृश्य भी कुछ बदला-बदला ही दिखने वाला है. दरअसल राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा विशेष रूप से मौजूद रहेंगे. इस बार वह जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में बैठक में शामिल होंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. वहीं 29 को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भी मौजूद रहेंगे.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद के अनुसार राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन निर्णयों पर मुहर लगेगी, जो 31 जुलाई को दिल्ली में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए थे. बता दें कि दिल्ली में हुई इस बैठक में जाति आधारित जनगणना का समर्थन, जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने को ले अभियान आदि की बातें मुख्य रूप से शामिल हैं. इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जदयू के संविधान में संशोधन का भी प्रस्ताव दिया था. इसमें यह तय होना है कि जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष का मनोनयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा किया जा सकेगा. अभी यह प्रावधान है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही पार्टी संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हैं.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जनत दल यूनाइटेड में विलय होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को जदयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया था. हालांकि तब तक पार्टी के संविधान में इसका प्रवधान नहीं था. अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की सहमति के बाद यह व्यवस्था पार्टी के नियमों के लिहाज से भी सही हो जाएगी. बैठक का दूसरा प्रमुख मसला जाति आधारित जनगणना है. जदयू इस मसले पर मुखर है और आगामी 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं.