राज्यसभा में हंगाम कर रहे छह सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. ये सांसद बेल के अंदर जाकर नारेबाजी कर रहे थे. जिसके बाद इन्हें निलंबित किया गया. आज सुबह जब राज्यसभा सत्र शुरू हुआ तो ये सांसद वेल में जाकर हंगामा करने लगे. हंगामा कर रहे सांसदों में डोला सेन, नदिमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर थी जिन्हें निलंबित किया गया है. ये सभी तृणमूल सांसद पेगासस जासूसी विवाद को लेकर हंगामा कर रहे थे. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के बार-बार बोलने के बाद भी जब ये नहीं मानें तो इन्हें पूरे दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया.
सभापति ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा.
बुधवार को कार्रवाई शुरू होते ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पेगासस जासूसी विवाद और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू हो गया. कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा.
इधर, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक बार फिर से हमला किया है. बीजेपी नेता नकवी ने कहा कि अगर उन्हें चाट-पापड़ी से एलर्जी है, तो वे फिश करी खा सकते हैं. लेकिन संसद को मछली बाजार मत बनाएं. दुर्भाग्य से जिस तरह से संसद की गरिमा को धूमिल करने की साजिश के साथ काम किया जा रहा है, वह पहले कभी नहीं देखा गया.
वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ मीडिया रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है
. इसके साथ ही मनिकम टैगोर ने भी इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है.
19 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे के चलते चल नहीं पा रहा है. सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है. मंगलवार को पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही लोकसभा ने ‘अधिकरण सुधार विधेयक 2021’ और ‘अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021’ को मंजूरी दी. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे को हिंसक प्रदर्शन करार देते हुए कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिए. संसद के मानसून सत्र का यह तीसरा सप्ताह है और विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में अब तक एक बार भी शून्यकाल नहीं हो पाया. प्रश्नकाल हंगामे के बीच हुआ, हंगामे के दरम्यान ही दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दी गई और बैठक अपने तय समय से पहले स्थगित कर दी गई.
सरकार, विपक्षी दल वैधानिक प्रस्ताव, सात विधेयक राज्यसभा में लाने को राजी
पेगासस मुद्दे पर संसद में 11वें दिन भी जारी गतिरोध के बीच सरकार और विभिन्न विपक्षी दलों ने राज्यसभा में एक वैधानिक प्रस्ताव और सात विधेयकों को लिए जाने के संबंध में मंगलवार को सहमति व्यक्त की. सूत्रों ने बताया कि संसद के उच्च सदन में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा तैयार करने के लिए हुई बैठक में इन विधेयकों पर चर्चा के लिए 17 घंटे का समय देने का फैसला किया गया. बैठक की अध्यक्षता राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने की, जिन्होंने फिर से सभी पक्षों से सदन को सामान्य रूप से कामकाज करने में सक्षम बनाने की अपील की.
सरकार आज राज्यसभा में 5 विधेयक पेश करेगी
सरकार आज राज्यसभा में पांच विधेयक पेश करेगी. ये विधेयक सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण संशोधन) विधेयक 2021, सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 हैं. तीन विधेयक वित्त मंत्रालय से संबंधित हैं जिन्हें निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.