सद का मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) जारी है. पेगासस, महंगाई और कृषि कानूनों को लेकर लेकर विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. सोमवार को भी पेगासस मामले को लेकर संसद में हंगामे के आसार है. कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने पेगासस मामले पर बहस के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भेजा है. दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि पहले कोरोना पर बहस हो, उसके बाद विपक्ष के सभी मुद्दों पर बहस के लिए सरकार तैयार है.
लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित
कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12:10 बजे अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई.
राज्यसभा में आज भी हंगामे की वजह से शून्यकाल नहीं हो पाया
राज्यसभा में आज भी हंगामे की वजह से शून्यकाल नहीं हो पाया. संसद के मानसून सत्र का यह तीसरा सप्ताह है लेकिन हंगामे की वजह से इस सत्र में उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल नहीं हो पाया है. इस बीच कुछ सदस्यों ने अपने हाथों में पकड़ी तख्तियां लहराईं. नायडू ने सदन में तख्तियां दिखाने से मना करते हुए कहा कि जो सदस्य ऐसा कर रहे हैं उनके नाम प्रकाशित किए जाएंगे.
लोकसभा दोपहर बारह बजे तक स्थगित
पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक दोपहर बारह बजे तक स्थगित हो गई. लोकसभा की कार्यवाही करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई.
संसद में मानसून सत्र का आज से तीसरा हफ्ता शुरू हो गया है. पहले 2 हफ्ते संसद के दोनों सदनों में हंगामे की वजह से कोई खास कामकाज नहीं हो सका. हालांकि सरकार और विपक्ष के बीच का गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में तीसरे हफ्ते की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ ही हो सकती है. विपक्ष संसद के दोनों सदनों में पेगासस कथित जासूसी कांड और किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. जबकि सरकार का कहना है कि कथित जासूसी कांड पर केंद्रीय मंत्री सदन के दोनों सदनों में जवाब दे चुके हैं और रही बात बाकी मुद्दों पर चर्चा की तो वह तब हो सकती है जब विपक्ष शांतिपूर्वक माहौल में चर्चा के लिए तैयार हो.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मानसून सत्र के पहले 2 हफ्तों में विपक्ष के हंगामे की वजह से लगातार कामकाज बाधित होने के चलते अब तक करीब 133 करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है.
पिछले 2 हफ्ते में दोनों सदनों ने सिर्फ 18 घंटे काम किया
आरोप-प्रत्यारोप के बीच सूत्रों का कहना है कि निर्धारित बैठक के 105 घंटे में संसद के दोनों सदन केवल 18 घंटे ही चल पाए. राज्यसभा में, केवल कोविड पर एक उचित बहस देखी गई, जबकि लोकसभा में कोई बहस नहीं हुई, हालांकि सरकार ने संसद के दोनों सदनों में महत्वपूर्ण कानून पारित किए. राज्यसभा में लगभग 11 घंटे के काम में, सरकार हंगामे के बीच मेरिन एड्स विधेयक, किशोर न्याय विधेयक और नारियल बोर्ड विधेयक में संशोधन पारित करने में सफल रही.
दूसरी ओर, लोकसभा ने 7 घंटे के काम में आईबीसी विधेयक पारित कर दिया, जबकि दोनों सदनों में राज्यसभा में टीएमसी सांसद ने खूब हंगामा किया. शांतनु सेन को आईटी मंत्री से कागज छीनने के बाद निलंबित कर दिया गया था, जबकि लोकसभा, में विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन में कागजात फेंके. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर गतिरोध का आरोप लगा रही है.