प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डिजीटल पेमेंट के नए प्लेटफॉर्म e-RUPI को लॉंच किया है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है. e-RUPI वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है. पीएम मोदी ने बताया कि सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय e-RUPI दे पाएगा. इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है. e-RUPI, एक तरह से Person के साथ-साथ Purpose Specific भी है. जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये e-RUPI सुनिश्चित करने वाला है.
उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि टेक्नोलॉजी को adopt करने में, उससे जुड़ने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं. Innovations की बात हो, service डिलीवरी में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है. पीएम मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में पहुंचाए गए हैं. इस बार किसानों से जो गेहूं की सरकारी खरीद हुई है, उसका करीब 85,000 करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है. हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की. आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है. इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2,300 करोड़ रुपये उन्हें दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि e-RUPI वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा. इसमें हमारे बैंकों और पेमेंट गेटवे की बहुत बड़ी भूमिका है. हमारे सैंकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉर्पोरेट्स, उद्योग जगत, NGOs और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रुपी एक तरह से पर्सन के साथ-साथ परपस स्पेसिफिक भी है. जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है.
पीएम मोदी निशाना साधते हुए कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि तकनीक तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम है. जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे. लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है. आज देश की सोच अलग और नई है. आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं.