स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे़य ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़़ने के लिए मुस्तैदी के साथ तैयारी में जुटी हुई है। राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों के पीआईसीयू वार्डों में बेडों को ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा जा रहा है। साथ ही संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में कुल २८५९४ बेड तैयार स्थिति में है‚ जिनमें से १६९८६ बेड ऑक्सीजन आपूर्ति से युक्त है एवं २५८४ आईसीयू बेड हैं। विभिन्न सरकारी अस्पतालों को ११५० वेंटिलेटर भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं॥। मंत्री ने भाजपा के संजय प्रकाश के तारांकित सवाल के जवाब में कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी के ३७०६ एवं सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी के २५९० अर्थात कुल ६२९६ पद रिक्त हैं। उक्त रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से बिहार तकनीकी सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। आयोग से चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए अनुशंसा प्राप्त होने के बाद आवश्यकता एवं उपलब्धता के अनुसार चिकित्सा पदाधिकारियों की पदस्थापना की जा सकेगी। मंत्री ने कहा कि कोविड–१९ की दूसरी लहर के दौरान राज्य में संविदा पर १००० चिकित्सकों का नियोजन एक वर्ष के लिए करने का निर्णय लिया गया था जिसके आलोक में ६५० चिकित्सकों की नियुक्ति की गई। बिहार तकनीकी सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में वर्ष २०२० में जुलाई से सितंबर तक कुल ९२९ विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी एवं ३१८६ सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति कर आवश्यकता एवं उपलब्धता के आधार पर विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित किया गया है। मंत्री ने जदयू के संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि वर्तमान में जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ओपीडी निबंधन एवं ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (संजीवनी) लागू किया गया है। इस प्रणाली के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों का पंजीकरण कर यूनिक आईडी जेनरेट किया जाना है एवं रोस्टर के अनुसार चिकित्सक के नाम के साथ ओपीडी प्रिसक्रिप्शन जेनरेट कर मरीजों को दी जाती है। चिकित्सक द्वारा किए गए डायग्नोसिस‚ प्रिसक्राइब की गई दवा एवं सुझाए गए पैथोलॉजी एवं रेडियोलॉजी जांच को भी कंप्यूटरीकृत किया जाता है। इसको और सशक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड स्टैंडर्ड को लागू करते हुए न्यू हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम को राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में लागू करने की प्रक्रिया की जा रही है‚ ताकि राज्य के प्रत्येक नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए संबंधित व्यक्ति के रोग संबंधी सारे चिकित्सीय दस्तावेज विस्तृत रूप से ऑनलाइन स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सकों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन कार्यक्रम के तहत स्टेट डिजिटल हेल्थ मिशन कार्यक्रम प्रस्तावित है।
नीतीश-BJP सरकार में पलायन के आंकड़े भयावह
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार से हर साल पांच करोड़ लोग कामकाज के सिलसिले में...