उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद सदस्यों द्वारा प्रश्नकाल के दौरान सदन में पूछे गए सवालों के उत्तर में कहा कि बिहार उद्योगों के मामले में काफी तेजी से आगे बढ रहा है। पिछले कुछ महीनों की उपलब्धियां अत्यंत उत्साहवर्धक हैं। उन्होंने कहा कि बिहार का कोई जिला ऐसा नहीं बचा है जहां उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव न आया हो। बिहार विधान परिषद सदस्य केदार नाथ पांडेय ने सवाल पूछा था कि बिहार में कितने जिलों में और किस–किस तरह के उद्योगों की स्थापना के लिए प्रस्ताव आए हैं और बिहार में उद्योगों की स्थापना को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं‚ उसकी वास्तविक स्थिति क्या है। इसके जवाब में सूबे के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के लिए निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। अब कोई जिला अछूता नहीं बचा है और ये प्रस्ताव बिहार में हर तरह के उद्योगों की स्थापना के लिए हैं‚ लेकिन इथेनॉल उद्योगों की स्थापना के लिए आए प्रस्ताव सर्वाधिक हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जिन प्रक्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव मिले हैं‚ उनमें शामिल हैं– खाद्य प्रसंस्करण‚ इथेनॉल उत्पादन‚ ऑक्सीजन उत्पादन‚ प्लास्टिक और रबड‚ पर्यटन‚ हेल्थ केयर‚ टेक्सटाइल‚ अक्षय उर्जा‚ लघु यंत्र विनिर्माण‚ सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उद्योग तथा अन्य। उद्योग मंत्री ने सदन के पटल पर ये जानकारी भी दी कि बिहार में उद्योगों की स्थापना हेतु राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद के द्वारा सितम्बर २०१६ से अब तक १५५१ इकाइयों को स्टेज –१ क्लियरेंस दिया गया है और इनमें से ३६२ इकाइयों के प्रस्तावों पर वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस पर भी सहमति प्रदान कर दी गई है। जहां तक वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल का सवाल है तो १६ नवम्बर २०२० से लेकर १८ जुलाई २०२१ तक के आंकडों को ही देखें तो इस दौरान भी कुल ४३३ इकाइयों को स्टेज १ क्लियरेंस दी गई है‚ इनमें से ५९ इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस दिया जा चुका है। राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस हेतु प्राप्त इकाइयों में से अब तक २९९ इकाइयां कार्यरत हो चुकी हैं और १२२ इकाइयां अभी विनिर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। श्री हुसैन ने कहा कि उद्योग विभाग लगातार इस कोशिश में जुटा है कि जिन इकाइयों को राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई हैं वो जल्द से जल्द तैयार हो जाएं और उत्पादन शुरू हो।
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