बिहार में कोरोना के बढ़ते केस के बावजूद आज तीन बड़े-बड़े आयोजन हुए, जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की जयंती पर आशीर्वाद यात्रा और RJD के 25वें स्थापना दिवस पर बिहार में फिर बिहार चुनाव का नजारा दिखा। वैशाली से लेकर पटना तक बिना मास्क के लोग हुड़दंग करते दिखे। पटना एयरपोर्ट से ही लोगों की भीड़ बेकाबू होती दिखी तो वहीं, चिराग के रोड शो में भी बेखौफ लोग नारे लगाते दिखे। इधर, राजद कार्यालय में भी राजद सुप्रीमो लालू यादव को सुनने के लिए भी जनसैलाब उमड़ा तो वहीं चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने भी लोजपा कार्यालय में दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। बावजूद इसके शासन-प्रशासन कान में रुई डाल कर सोई रही।
ऐसी भीड़ बिहार चुनाव के समय में दिखी थी, जिसके बाद कोरोना केस बेतहाशा बढ़े थे। अब जब तीनों कार्यक्रम पूर्व निर्धारित थे तो सरकार की आंख नहीं खुली। लोगों को लगा कि कोरोना खत्म हो गया। दिवंगत नेता को देने के बहाने सभी ने कोरोना गाइडलाइन को तोड़ा। चिराग जहां भीड़ जुटाने में नंबर वन रहे, वहीं लालू प्रसाद यादव ने भी अपना दम दिखाया। अब इसका आगे परिणाम क्या होगा? इसका जवाब देने वाला कौन है?
इधर, वैशाली जिला प्रशासन ने हाजीपुर के सुल्तानपुर में रामविलास पासवान की जयंती समारोह की इजाजत नहीं दी थी। कार्यक्रम के दिन ही हाजीपुर के SDM ने आदेश जारी किया। साथ ही लेटर में कार्रवाई की बात कही है। इस पत्र में साफ लिखा है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण सार्वजनिक स्थलों पर किसी प्रकार के आयोजनों की अनुमति नहीं है। अगर इसका उल्लंघन होगा तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
आशीर्वाद यात्रा में हजाराें की भीड़ के साथ कोरोना की गाइडलाइन तोड़ने वाले लोजपा के चिराग पासवान कई घरों के चिराग के लिए खतरा बन जाएंगे। पटना से लेकर हाजीपुर तक भीड़ जुटाकर वह कोरोना की तीसरी लहर का खतरा और बढ़ा दिए हैं। पटना एयरपोर्ट से लेकर हाजीपुर तक जुटी भीड़ के आगे प्रशासन भी घुटने टेक दिए हैं। सीएम नीतीश कुमार अपने अफसरों को हर दिन कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने की घुट्टी पिला रहे हैं और अफसर भीड़ का सामना करने से पीछे भाग रहे हैं।
जान का जोखिम लेकर आए नेता
कोरोना काल में गायब रहने वाले नेता अब कोरोना का खतरा लेकर लौटे हैं। तीसरी लहर की दहशत के बीच कोरोना का खतरा लेकर आ रही भीड़ लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। सशर्त अनलॉक में भीड़ जुटाने पर रोक के बाद भी प्रशासन नेताओं के आगे पंगु बना हुआ है। पटना एयरपोर्ट से कोरोना गाइडलाइन टूटने का सिलसिला शुरु हुआ जो हाजीपुर तक चलता रहा लेकिन दोनों जिलों में कोई प्रशासन की सख्ती का दावे में कोई दम नहीं दिखा। बिहार में सोमवार के तीन बड़े कार्यक्रम हुए और तीनों में कोरोना की गाइडलाइन टूटी है।
भीड़ ने बता दिया, VIP के लिए कानून नहीं
नेातओं के कार्यक्रम में जुटी भीड़ और टूट रही कोरोनास गाइडलाइन ने यह बता दिया है कि वीआईपी के लिए कोई नियम कानून नहीं है। शादी और अंतिम संस्कार में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने की इजाजत नहीं है। आम लोगों की भीड़ हो तो पुलिस डंडे बरसाती है। कार्यक्रम के लिए संबंधित थाना से अनुमति लेनी पड़ती है लेकिन नेता तो बिना अनुमति के ही हजारों की भीड़ जुटा रहे हैं और सरकार देखती रह जाती है। पटना से लेकर हाजीपुर तक भीड़ में नेातओं ने कोरोना के सारे प्रोटोकॉल की पूरी तरह से धज्जियां उड़ा दी है।
सरकार की चुप्पी बहुत कुछ कहती है
कोरोना काल में कार्यक्रम की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। सरकार को भी इसकी जानकारी थी कि कार्यक्रम में भारी भीड़ होगी। इसके बाद भी सरकार की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। प्रशासन भी पूरी तरह से सुस्त दिखा। सरकार अगर कोरोना को लेकर गंभीर रहती तो ऐसे कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर नहीं होने देती। प्रशासन अगर सरकार के आदेश पर पूरी तरह से निष्पक्ष होकर काम करता तो ऐसे कार्यक्रम नहीं होने देता और जबरदस्ती करने पर कार्रवाई करता।
राजद ने तोड़ी गाइडलाइन, बढ़ाया खतरा
राजद ने स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम को वर्चुअल रखा गया था लेकिन पटना में भारी भीड़ थी। कार्यक्रम में कार्यलय भरा था। कार्यालय में पीछे बनाए गए शेड में लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। कार्यक्रम में तेजस्वी और तेज प्रताप के साथ नेताओं की पूरी भीड़ थी। कार्यक्रम के दौरान भीड़ में सोशल डिस्टेंस पूरी तरह से फेल हो गया। न तो सैनिटाइजेशन की कोई व्यवस्था रही और न ही मास्क को लेकर कोई ध्यान दिया गया।
चिराग के चाचा पशुपति पारस ने तोड़ी गाइडलाइन
चिराग के चाचा पशुपति पारस ने भी कोरोना गाइडलाइन तोड़ने का काम किया है। वह पटना में जयंती समारोह का आयोजन किए जिसमें गाइडलाइन को दर किनार कर हजारों की भीड़ जुटाई गई। भीड़ में मास्क और सैनिटाइजेशन का नियम पूरी तरह से फेल था। दूर दराज से आए लोगों की भीड़ में कम ही ऐसे लोग दिखे जो कोरोना की गाइडलाइन को लेकर गंभीर रहे। कुछ लोग मास्क लगाए थे तो कुछ बिना मास्क के ही भीड़ का हिस्सा बने थे। इस भीड़ में प्रशासन भी पूरी तरह से फेल दिखा।
लालू यादव ने कहा- तीसरी लहर आने वाली है
राजद के स्थापना दिवस में वर्चुअल जुड़े लालू यादव ने कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बताया है। लालू के इस संदेश के बाद भी उनके दोनो पुत्र और राजद कार्यकर्ताओं को गाइडलाइन का ध्यान नहीं रहा। भीड़ में कहीं से कोई गाइडलाइन का पालन करते हुए नहीं दिखा। बिहार के अलग अलग हिस्सो से लोग आए थे। कार्यालय के बाहर गाड़ियों की कतार देख भीड़ा का अंदाजा था कि 2 हजार से अधिक लोगों की भीड़ होगी। शादी विवाह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर कार्रवाई के लिए पहुंचने वाले पुलिस टीम नहीं देखने तक नहीं आई।
प्रशासन के पत्र ने खोली चिराग की मनमानी की पोल
चिराग पासवान ने प्रशासन की अनुमति लिए बिना ही कार्यक्रम किया और लोगों की जान खतरे में डालने का काम किया है। दैनिक भास्कर के पास प्रशासन का वह पत्र है जिसमें यह कहा गया है कि चिराग पासवान के कार्यक्रम के लिए कोई अनुमित नहीं दी गई है। अनुमंडल कार्यालय हाजीपुर की गोपनीय शाखा से जारी पत्र में कहा गया है कि कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण के कारण सार्वजिनक स्थलों पर आयोजन नहीं करना है। लोक जन शक्ति पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान काे लिखे पत्र में अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि कार्यक्रम की अनुमति के लिए पत्र मिला था जिसमें जदुआ बरई टोला जगदंबा स्थान राजा शैलेष नगर में माल्यार्पण के साथ हाजीपुर के सुल्तानपुर में जयंती समारोह मनाने को लेकर है। कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रयाासन ने अनुमति देने से मना कर दिया और कहा कि अगर कार्यक्रम किया जाता है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी मनमानी की गई और कार्यक्रम में भीड़ जुटाकर कोरोना का खतरा बढ़ाया गया। पटना एयरपोर्ट से लेकर हाजीपुर तक खतरा बने चिराग पासवान के साथ अन्य नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।