राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पटना जिले में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। आयोग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। अगले सप्ताह से पंचायत चुनाव के लिए कोषांग का गठन शुरू हो जाएगा। हालांकि यह तय नहीं हो पाया है कि चुनाव की तिथि क्या होगी, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगस्त महीने में चुनाव संभावित हो सकता है।
आयोग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पंचायत चुनाव कराने वाले कर्मचारियों की अभी से ही सूची तैयार की जाए। उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए। ईवीएम कहां रखा जाएगा तथा इसका भौतिक सत्यापन कब और कैसे होगा, इस संदर्भ में जिला प्रशासन अभी से ही तैयारी शुरू कर दे। इसके अलावा चुनाव से संबंधित सभी प्रकार के कोषांग गठन करने का निर्देश दिया गया है।
पटना में प्रखंडों में चरणवार चुनाव की सूची
पहला चरण 270 मसौढ़ी
दूसरा चरण 265 धनरूआ
तीसरा चरण – 167 पुनपुन, 19 संपतचक, 101 पटना सदर
चौथा चरण – 248 नौबतपुर और 207 फुलवारीशरीफ
पांचवा चरण 253 तथा 204 दानापुर
छठवां चरण. 304 पालीगंज तथा 175 दुल्हिन बाजार
सातवां चरण – 184 फतुहा 102 दनियावां 101 खुसरूपुर तथा 105 अथमलगोला
आठवां चरण – 215 पंडारक, 107 घोसवारी तथा 181 मोकामा
नवां चरण – 288 बिहटा तथा 218 विक्रम
दसवां चरण- 220 बख्तियारपुर, 200 बाढ़ तथा 30 बेलछी
पंचायत चुनाव के मद्देनजर दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी है। जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि 10 जुलाई तक दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगा लें। पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर आयोग ने शनिवार को सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। आयोग ने जिलों को चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश भी दिया।
आयोग ने जिलों से कहा है कि चुनाव के मद्देनजर मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का आकलन कर आयोग को रिपोर्ट करें। आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने कहा- जिलों को यह बताया गया है कि उन्हें किन राज्यों से ईवीएम मंगाना है। लगभग सभी राज्यों से ईवीएम मंगाई जानी है। सभी जिलों को बूथों के हिसाब से मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का आकलन करने का भी निर्देश दिया गया है। आयोग ने सभी डीएम को चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार रहने के लिए भी कहा है। हाल ही में कई पंचायत क्षेत्र नगर निकाय में शामिल किए गए हैं। उसे ध्यान में रखकर वोटरों और अन्य स्थिति पर अविलंब रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अलावा मतदान सामग्री के बारे में भी दिशा-निर्देश दिया गया है।
हर बूथ के लिए 6 ईवीएम चाहिए होगी
7 से 8 लाख ईवीएम की होगी जरूरत
पंचायत चुनाव के लिए आयोग को सात से आठ लाख ईवीएम की आवश्यकता होगी। बिहार में पहली बार ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। ईवीएम को लेकर पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच बैठक हुई थी, जिसमें ईवीएम की उपलब्धता को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम को दूसरे राज्यों से बिहार लाना होगा। ईवीएम की उपलब्धता के लिए 24 राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और 14 राज्यों के राज्य निर्वाचन आयोग को पहले ही पत्र लिखा जा चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एम टू मॉडल की ईवीएम उपलब्ध कराने पर अपनी सहमति दी है।
छह पदों के लिए होना है चुनाव
पंचायताें में 6 पदों के लिए चुनाव होना है। इस हिसाब से एक बूथ पर 6 ईवीएम की आवश्यकता होगी। सितंबर-अक्टूबर में बिहार में पंचायत का चुनाव संभावित है। इसे ध्यान में रखकर ही दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने की समय सीमा तय की गई है, ताकि उसी के अनुसार चुनाव का कार्यक्रम तय करने में दोबारा कोई अड़चन न आए। गौरतलब है कि केंद्रीय व राज्य निर्वाचन आयाेग के बीच ईवीएम काे लेकर फंसे पेच के कारण पंचायत चुनाव काे लेकर निर्णय लेने में देरी हुई। इससे बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाया।