लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं ने उस जगह का चुनाव कर लिया है, जहां पर 5 जुलाई को उनके पार्टी प्रमुख चिराग पासवान अपना दम दिखाएंगे। चुना गया क्षेत्र उनके बगावती चाचा पशुपति कुमार पारस का संसदीय इलाका है। हाजीपुर में पासवान चौक के पास सुल्तानपुर गांव है। यह गांव दलितों की बस्ती है। इसी बस्ती में लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती मनाई जाएगी। चिराग गुट वाले लोजपा की वैशाली जिला कमिटी ने इस इलाके का चयन किया है। इस बात की पुष्टि प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट ने की है।
कोरोना प्रोटोकॉल के तहत नियमों का पालन करते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए शुक्रवार को हाजीपुर में एक मीटिंग भी हो चुकी है। चिराग पासवान अभी दिल्ली में हैं। उनके बिहार आने और फिर अलग-अलग जिलों में मूवमेंट का टाइम टू टाइम प्रोग्राम सेट किया जा रहा है जो फाइनल होने के अंतिम चरण में है। राजेश भट्ट के अनुसार 5 जुलाई को हाजीपुर के सुल्तानपुर में चिराग पासवान सबसे पहले पहुंचेंगे। गांव में दलितों के बीच वह अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की जयंती मनाएंगे। इसके बाद उनकी आशीर्वाद यात्रा शुरू होगी।
नीतीश सरकार की खामियों को करेंगे उजागर
पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को हर प्वाइंट पर घेरा था। बढ़ते अपराध, खराब लॉ एंड ऑर्डर, बेराजगारी और सरकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को नहीं मिलने को उन्होंने अपना मुद्दा बनाया था। अब एक बार फिर से चिराग पासवान उसी मूड में नजर आने वाले हैं। अपनी आशीर्वाद यात्रा के दौरान वह नीतीश सरकार की खामियों का उजागर करने वाले हैं। साथ ही नीतीश कुमार के इशारे पर जदयू के नेताओं ने लोजपा को जिस तरह से तोड़ा, जिस तरह की चालें चली गईं। इस मामले की भी हर एक बात वह जनता के सामने अपनी यात्रा के दौरान रखने वाले हैं।