राज्य सरकार पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ायेगी। १५ जून को पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। कोविड़–१९ महामारी के कारण पंचायत चुनाव नहीं होने की स्थिति में पंचायत‚ ग्राम कचहरी‚ पंचायत समिति‚ जिला परिषद के काम अब परामर्शदातृ समिति देखेगी। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। बैठक में १८ एजेंड़ों पर मुहर लगी है।
इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है जब पंचायतों के कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए परामर्शदातृ समिति का गठन किया जायेगा। सरकार इसके लिए एक सप्ताह के भीतर अध्यादेश लायेगी। परामर्शदातृ समिति में सभी जन प्रतिनिधि शामिल होंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जो अन्य फैसले हुए‚ उनके मुताबिक पटना जिले के पटना सदर‚ फुलवारी शरीफ और दानापुर में मिड़ डे़ मील के तहत पका खाना परोसा जाएगा। इसके लिए दो एजेंसियों का चयन किया गया है। शून्य से १८ वर्ष तक की उम्र के वैसे बच्चे जिनके माता–पिता की मौत करोना संक्रमण से हुई है‚ उनके लिए सरकार ने नयी योजना लाने का निर्णय लिया गया है।
करोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को १८ साल तक प्रतिमाह १५०० रुपये दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी। सरकार ने बाल सहायक योजना शुरू की है। तारामंड़ल के लिए ३६ करोड़़ रुपये मंजूर किये गये। इस राशि से लेटेस्ट टेक्नोलाजी की मशीनें लगायी जायेंगी। राज्य में गुणवत्ता युक्त बीजों की पहंुच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में करने एवं उनके उपयोग को बढावा देने के लिए मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत ९०‚३८‚ २७‚१७६ रुपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गयी।
इसी तरह राज्य के ८ केन्द्रीय काराओं में ५० क्षमता के १ कक्षपाल बैरक एवं ३० क्षमता के १ अदद महिला कक्षपाल बैरक के निर्माण के लिए ३२ करोड ५६ लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी। साथ ही १४ मंडल काराओं में ३० क्षमता के कक्षपाल बैरक एवं २० क्षमता के राज्य के विभिन्न काराओं में कारा चिकित्सा के पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गयी। सुपौल जिला अंतर्गत डागमारा में कोसी नदी पर जल विद्युत परियोजना का निर्माण भारत सरकार के उपक्रम एनएचपीसी के माध्यम से करवाने की स्वीकृति दी गई।