कोरोना संक्रमण को लेकर कई याचिकायों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में दावा किया है कि 2021 के अंत तक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण हो जाएगा. सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया कि जनवरी से अब तक 5 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज मिल सकी है. कई एक्सपर्ट का दावा है कि इस साल के आखिर तक 35 से 40 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन दी जा सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि विदेशों से कोविड रोधी टीकों की खरीद के लिए कई राज्य ग्लोबल टेंडर जारी कर रहे हैं, क्या यह सरकार की नीति है? केंद्र ने बताया कि टीकों के लिहाज से पात्र संपूर्ण आबादी का 2021 के अंत तक टीकाकरण किया जाएगा. केंद्र की फाइजर जैसी कंपनियों से बात चल रही है. अगर यह बातचीत सफल रहती है तो साल के अंत तक टीकाकरण पूरा करने की समय-सीमा भी बदल जाएगी.
कोर्ट ने टीकाकरण के लिए कोविन ऐप पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाने पर केंद्र से सवाल किया. कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को इसमें परेशानी आ सकती है.
बता दें कि मामले की सुनवाई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच कर रही है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है और स्थिति नियंत्रण में है. इस पर जस्टिस भट ने कहा, मैं जो एकमात्र समस्या रख रहा हूं, वह पूरे देश को वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर है. केवल एक चीज जिसे हम संबोधित करना चाहते हैं वह है मूल्य निर्धारण नीति. आप राज्यों से एक दूसरे को प्रतिस्पर्धा करने के लिए कह रहे हैं.
इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. कुछ राज्य अधिक भुगतान करते हैं और अधिक प्राप्त करते हैं और कुछ कम भुगतान करते हैं और कम प्राप्त करते हैं, ऐसा नहीं है. इस परजस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, वैक्सीन की खरीद के लिए विभिन्न नगर निगम वैश्विक निविदाएं जारी कर रहे हैं. क्या यही है केंद्र की नीति ?
इसे पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, कई राज्यों ने वैक्सनी के लिए गोबल टेंडर जारी किया है लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां जैसे फाइजर या अन्य की अपनी पॉलसी है वह सीधे देश से बात करती है राज्य से बात नहीं करती हैं. जस्टिस भट्ट ने कहा यह मुद्दा पूरे देश को उपलब्ध वैक्सीन के बारे में नहीं है, हम जानना चाहते हैं कि वैक्सीन की कीमत को लेकर क्या पॉलिसी हैं. आप राज्यों को वैक्सीन खरीदने को कह रहे हैं और वह एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कह रहे हैं.