दिल्ली हाईकोर्ट ने आज हुई सुनवाई में कहा कि सेंट्रल विस्टा सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रहेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि सेंट्रल विस्टा एक अहम, आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है। इतना ही नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका को एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोरोना वारयस वैश्विक महामारी के दौरान परियोजना रोके जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिका किसी मकसद से ‘‘प्रेरित’’ थी और ‘‘वास्तविक जनहित याचिका’’ नहीं थी। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि जब मजदूर वहीं निर्माण स्थल पर ही रह रहे हैं, उन्हें तमाम मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है तो प्रोजेक्ट के काम को रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने कहा कि यह एक प्रेरित याचिका है. यह एक जनहित याचिका नहीं थी.
इससे पहले 17 मई को हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट में बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि वे केवल साइट पर श्रमिकों की सुरक्षा में रुचि रखते हैं. वहीं सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका का विरोध किया था और कहा था कि यह याचिका किसी न किसी की कमी को छिपाने के लिए डाली गई है. उस समय तीन घंटे की लंबी सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
बता दें कि इस मामले को शीर्ष अदालत के सामने भी रखा जा चुका है, मगर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के मद्देनजर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था कि यह मामला पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट में है. याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 स्थिति और निर्माण कार्य के कारण संक्रमण फैलने की संभावना से उत्पन्न खतरे के कारण निर्माण को रोकने का आग्रह किया था. दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन, प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के अलावा कई सरकारी इमारतें राजपथ और इंडिया गेट के आसपास बन रही हैं. कोविड-19 महामारी के इस बुरे दौर के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी दल भी हमलावर बने हुए हैं.