बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच छपरा का एंबुलेंस प्रकरण से एंबुलेंस मिलने के बाद अब इस प्रकरण में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर भी कूद पड़े हैं. मामले से जुड़े हर एक सबूत का संकलन करने के बाद अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और छपरा डीएम सहित अन्य लोगों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करने को लेकर राज्य के डीजीपी, एडीजी (अपराध व अनुसंधान विभाग), ADG (आर्थिक अपराध इकाई) को ईमेल में माध्यम से शनिवार को लिखित आवेदन दिया है, साथ ही पटना हाईकोर्ट एवं जिला जज को आवेदन की प्रति भेजते हुये कार्रवाई की मांग की है.
दायर की गई जनहित याचिका
अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने कहा कि पूर्व में मेरे द्वारा सूबे में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इसमें पटना हाईकोर्ट ने सूबे के अस्पतालों में संसाधन की पूर्ति और सही व्यवस्था को लेकर सरकार को निर्देश दिया था. कोरोना महामारी में एम्बुलेंस को छिपा कर रखना एक गंभीर अपराध है, साथ ही इसे नैतिक पतन से भी कहां जा सकता है.
बालू और सृजन घोटाला उजागर कर चुके हैं सेंगर
उन्होंने कहा कि मेरे आवेदन पर पुलिस की डयूटी बनती है की FIR करें. FIR नहीं करना भी अपराध की श्रेणी में आता हैं. मणि भूषण प्रताप सेंगर ने आगे बताया की कोर्ट पक्षपात पर नहीं चलता, सबूत के आधार पर निर्णय लेता हैं. सांसद राजीव प्रताप रूड़ी, जिलाधिकारी एवं एम्बुलेंस संचालन से जुड़े सभी लोग के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. मालूम हो की अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर अवैध बालू खनन, सृजन घोटाला, नल जल में गड़बड़ी आदि जनहित से जुड़े मामले पटना हाईकोर्ट में उठाते रहे हैं और बाध्यकारी कार्रवाई भी हुई है. बहरहाल इस मामले में पटना उच्च न्यायालय का क्या रुख होता है यह देखना अहम होगा.
क्या है एंबुलेंस प्रकरण
बिहार के छपरा में कुछ दिनों पहले भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के संसदीय कोष से खरीदे एम्बुलेंस को छिपाकर रखे जानें का मामला उजागर हुआ था. पप्पू यादव द्वारा उठाए गए इस मामले के बाद देर ही सही सांसद राजीव प्रताप रूड़ी सामने आएं और प्रतिक्रिया दी कि चालक के अभाव में एम्बुलेंस खडी हैं. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उनकी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 40 ड्राइवर को खड़ा कर दिया.