सूबे में कोरोना संक्रमण पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि इतना असहाय‚ असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया। एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे‚ मदद मांग रहे‚ तडप रहे सभी जरूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है– कुछ नहीं कर सकते सर! बेड नहीं है। इंजेक्शन नहीं है‚ ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करेंॽ सूबे के ३९ जिलों में से १० जिलों में ५ से अधिक वेंटिलेटर तक नहीं हैं। कितनी शर्मनाक बात है कि बिहार के जिला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं हैं। अधिकारियों को फोन लगवाओ तो फोन बजते रह जाता है। कोई उठाता नहीं है। अधिकारी या तो मुख्यमंत्री की भी सुन नहीं रहे या मुख्यमंत्री को व्यवस्था दुरुस्त करने में कोई रुचि ही नहीं‚ कोई हेल्पलाइन नहीं है जहां लोग फोन कर बेड‚ ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ले पाएं। तेजस्वी ने कहा– नागरिकों के लिए एक तरफ बेपरवाह व भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था का अंधा कुआं है तो दूसरी तरफ कालाबाजारी‚ मुनाफाखोरी और आंकडों की हेराफेरी। भ्रष्ट सरकार धृतराष्ट्र की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी है। लोगों को मरते छोड सरकार बस मौत के आंकडों को कम करने में लगी है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं लेकिन एक सीमा के बाद ऑक्सीजन नहीं मिल पाती‚ अस्पतालों में बेड नहीं मिल पाते। हम सीमित संसाधनों के साथ लोगों की मदद करने के लिए आगे बढते हैं तो हाथ ऊपर कर चुकी सरकार और उसकी भ्रष्ट व्यवस्था दीवार बनकर रास्ता रोक देती है। हमने सर्वदलीय बैठक में सरकार को इस महामारी से निपटने के लिए ३० सकारात्मक सुझाव दिए थे पर एक पर भी अहंकारी सरकार ने अमल नहीं किया। नीतीश सरकार की आम लोगों की तकलीफ दूर करने की कोई मंशा ही नहीं है। सरकार बस विज्ञापन देकर और आंकडों को कम कर धूल झोंकने के फिराक में है।
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