जिस तरह से भारत में कोरोना महामारी को लेकर राज्य एवं केंद्र सरकार जिस तत्परता से बचाव और रोकथाम के उपाय कर रही है उसके बाद भी महामारी भयानक रूप लेते जा रही है। इस संकट की घड़ी में भारत की मदद को बढ़े हाथ‚ मोदी जी द्वारा विश्व में बनाए गए मित्र देशों द्वारा भारत के लिए हाथ बढ़ाना‚ कोरोना को परास्त करने में‚ कोरोना को हराने में अहम भूमिका निभाएगी। बचपन में हमसब ने पढ़ा था– ‘करो मित्र की मदद हमेशा‚ तन से मन से खुश होकर। जब भी काम पड़े उसे‚ करो उसे पूरा हंसकर।’ ये बातें पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक ड़ॉ. प्रेम कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा पिछले साल हमारे पड़ोसी देश और पश्चिमी मित्र देश को कोरोना से भयंकर परेशानी हुई थी‚ तो मोदी जी ने संकट में दवाइयां और अन्य सामग्री से उनकी मदद की थी। कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड़ बनाया तो मित्र देशों को भी मदद के रूप में दिया। आज हमारी संकट की घड़ी में– अमेरिका‚ ऑस्ट्रेलिया‚ यूएई‚ सऊदी अरब‚ यूरोपीय संघ‚ जर्मनी‚ फ्रांस‚ ब्रिटेन‚ सिंगापुर और इजराइल हमारे मित्र देशों ने मदद को हाथ बढ़ाया। अमेरिका वैक्सीन का कच्चा माल एवं ३१८ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत को दिया। इस उपकरण से हवा से ऑक्सीजन बनाया जाता है। अमेरिका १० हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत को देगा। ऑस्ट्रेलिया ‚ऑक्सीजन और सुरक्षा उपकरण दे रहा है। सऊदी अरब ४ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टेंकर और ८० मैट्रिक टन ऑक्सीजन देगा। यूएई भी हाई कैपेसिटी क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टेंकर दिया है। सिंगापुर ने ५०० वाईपेप‚ २५० ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और मेडि़कल सामग्री दिया है। ब्रिटेन‚ जर्मनी‚ फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी ऑक्सीजन उपकरण देने की शुरुûआत कर दी है। आज मोदी जी का विदेश दौरा और विदेशों को की गई मदद संकट के समय हमें भी काम आ रही है। मित्र की असल पहचान संकट में होती है‚ यह आज चरितार्थ हो रहा है।
जदयू के पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने पार्टी से दिया इस्तीफा
बिहार में जदयू में खलबली मचती दिखाई दे रही है। यहां पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने पार्टी से इस्तीफा...