कोरोना काल में अगर कोई श्रमिक बिहार लौटकर आता है‚ तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगाद्य इसको लेकर श्रम संसाधन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है‚ विभाग के पोर्टल व वेबसाइट पर निबंधित श्रमिकों को अब फिर से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। दरअसल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर एक बार फिर से कुछ राज्यों में लॉकड़ाउन जैसी स्थिति बन गयी है और यहां के श्रमिक दोबारा से लौटने को मजबूर हो रहे हैं। श्रम संसाधन विभाग ने जारी किया टॉल फ्री नंबर ,बिहार के प्रवासी 18003456138 पर करें कॉल
राज्य एवं राज्य से बहार कार्य करने वाले प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सबल बनाये जाने के लिए राज्य में श्रम संसाधन विभाग निरंतर क्रियाशील है। जिसके अंतर्गत बिहार भवन कर्मकार कल्याण बोर्ड़ कार्यरत है। बोर्ड़ के तहत निबंधित कामगारों को लाभ दिए जाने हेतु अनेक योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए रोजगार का बंदोबस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके अंतर्गत तुरंत रोजगार मुहैया कराने वाले सभी संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया गया है। साथ ही यह सुनिश्चित की जा रही है कि वे अपने यहां चल रही तमाम योजनाओं की पूरी सूची और इनके माध्यम से पैदा होने वाले रोजगार के सभी संभव अवसरों की रूपरेखा जल्द तैयार कर लें। इसमें मुख्य रूप से निर्माण से जुड़े और रोजगार परख विभाग शामिल हैं। मसलन ग्रामीण कार्य विभाग‚ ग्रामीण विकास विभाग‚ पथ निर्माण विभाग‚ भवन निर्माण विभाग शामिल है। इन संबंधित विभागों ने रोजगार के अवसरों से जुड़ी सूची तैयार करने की कवायद तेज कर दी है। इसे लेकर कई विभागों में बैठक भी की गयी है।
देश के अनेक राज्यों में लॉकड़ाउन जैसे हालात को देखते हुए बिहार में अप्रवासी कामगारों की संख्या आने वाले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ने के आसार बढ़ गये हैं। जिसके मद्ेनजर सभी संबंधित विभागों ने इसे लेकर अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। ग्रामीण कार्य विभाग अपने अनुमंड़लीय अधिक्षण अभियंता के कार्यालयों में योजनाओं का नाम‚ कार्य स्थल और ठेकेदार का नाम फोन नंबर समेत पूरी सूची प्रदर्शित की जायेगी‚ ताकि रोजगार मांगने वालों को समुचित जानकारी मिल सके। इसमें ग्रामीण कार्य विभाग में सड़क बंदोबस्ती या निर्माण के अलावा पथ निर्माण में सड़क निर्माण से जुड़ी तमाम योजनाएं शामिल हैं। ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा के अंतर्गत पौधारोपण समेत अन्य सभी तरह के कार्य शामिल हैं। इन कायोंर् के जरिये रोजाना मजदूरी का बंदोबस्ती हो सकेगा साथ ही इसमें हुनरमंद कामकारों के लिए भी रोजगार की समुचित व्यवस्था करने की रूपरेखा तैयार की गयी है।
विगत वर्ष के लॉकड़ाउन के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार सरकार की तैयारी है कि आने के साथ ही लोगों को उचित रोजगार मिल सके। उन्हें ज्यादा दिनों तक इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़े। भवन निर्माण से जुड़े कामगार अपना निबंधन करा सकते हैं। इनमें राजमिस्त्री‚ मजदूर‚ इले्ट्रिरशियन‚ प्लम्बर आदि निबंधन करा सकते हैं। भवन निर्माण कामगारों को श्रम संसाधन की ओर से कपड़ा और स्वास्थ्य मद में सालाना ५५ सौ सालाना देता है। कामगारों को औजार खरीदने के लिए भी सहायता दी जाती है‚ साथ ही बच्चों की पढ़ाई‚ श्रमिकों की मौत या अपंगता आदि में भी सरकार की ओर से सहायता दी जाती है। विभाग के पास अभी जानकारी आयी है कुछ प्रवासी दोबारा बिहार से जाने लगे हैं‚ वैसे श्रमिकों को बिहार सरकार की ओर से बताया जा रहा है कि वे प्रवासी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैंद्य इस योजना में किसी प्रवासी की मौत होने पर एक लाख की सहायता दी जाती है‚ जबकि अपंगता पर ७५ हजार रुपये तक सरकार सहायता देती है। श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि कोरोना व कई राज्यों में हुए लॉकड़ाउन को देखते हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि 18003456138 टॉल फ्री नंबर पर अधिकारी व कर्मी लोगों के पूछे गये सवालों का जवाब देंगे और उनकी सहायता करेंगेद्य इसके लिए विभाग ने ३० अप्रैल तक का ड़¬ूटी रोस्टर जारी किया है‚ जिसमें सभी अधिकारियों के काम को बांटा गया है। यह नंबर २४ घंटे काम करेगा‚ इस नंबर पर बिहार आने वाले श्रमिकों को पूरी जानकारी दी जायेगी और उनका सहयोग किया जायेगा।
विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ कर रोजगार दिए जाने की हो रही तैयारीः जिवेश कुमार
विगत वर्ष इस पोर्टल के माध्यम से पिछली बार २५ लाख से अधिक मजदूरों का निबंधन हुआ था और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया गया था। बिहार लौटे प्रवासी कामगारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए श्रम संसाधन ने २०२० में एक पोर्टल विकसित किया है। कोरोना के पहले विभाग के पास सही आकड़ा नहीं होने के कारण प्रवासियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा था। प्रवासियों की संख्या जानने के लिए विभाग ने पोर्टल और वेबसाइट के माध्यम से प्रवासियों का निबंधन शुरू किया‚ दोबारा इसी पोर्टल के माध्यम से निबंधन किया जायेगा।