बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस के बीच पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। निर्वाचन आयोग को तय करना है कि चुनाव कब कराना है। मामला राज्य निर्वाचन आयोग और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच में ईवीएम के फेज 2 और फेज 3 के इस्तेमाल पर अटका है। जब राज्य निर्वाचन आयोग तय कर देगा तो हम चुनाव कराएंगे।
साथ ही सम्राट चौधरी ने कहा कि जो मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं देंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। नल जल योजना के अंतर्गत जिन पंचायतों में अगर नल से पानी नहीं गिरता होगा तो उसे हम कार्य पूरा नहीं मानेंगे। बिहार में 1475 वार्ड में गड़बड़ी की सूचना मिली है। इन सभी वार्ड के मुखिया और जो लोग भी गड़बड़ी में शामिल होंगे वैसे मुखिया और अन्य लोगों पर FIR कर कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, बिहार में मुखिया सहित त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव का मामला राज्य निर्वाचन आयोग और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम के फेज 2 और फेज 3 के इस्तेमाल पर अटका है. मंत्री ने कहा कि जब चुनाव आयोग तय कर देगा तो हम चुनाव कराएंगे. इसके साथ ही सम्राट चौधरी ने कहा कि जो मुखिया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट यानी योग्यात प्रमाण पत्र नहीं देंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होेंने कहा कि नल जल योजना के अंतर्गत जिन पंचायतों में यदि नल से पानी नहीं गिरता है तो उसे हम पूरा नहीं मानेंगे.
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में 1475 वार्ड में गड़बड़ी की सूचना मिली है. इन सभी वार्ड के मुखिया और अन्य लोगों पर FIR कर निश्चित तौर से कार्रवाई की जाएगी. इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को यह निर्देश जारी किया है कि त्रिस्तरीय पंचायतों और ग्राम कचहरी के विभिन्न पदों के लिए होने वाले निर्वाचन में विभिन्न पदों को डिजिटलाइज कर दिया जाए.
राज निर्वाचन आयोग से अनुमोदित आरक्षित पदों की सूची अभी जिला कार्यालयों में और आयोग कार्यालयों में संरक्षित रखा गया है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंचायत के पदों के आरक्षण को डिजिटलाइज कराया जाना अनिवार्य है, ताकि प्रत्याशियों के नामांकन उनके नामांकन पत्रों की जांच मतगणना और निर्वाचन प्रमाण पत्र और प्रपत्र 23 तैयार करने में कोई असुविधा न हो. पंचायत चुनाव को अधिकाधिक तरीके से पारदर्शी बनाने के लिए भी राज निर्वाचन आयोग ने सभी स्तर के आरक्षित पदों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है