कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जीएसटी नियमों में हाल ही में किये गए कुछ संशोधन तथा ई कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए आज यानि शुक्रवार को एक दिन के हड़ताल का आह्वान किया है. कैट की ओर जारी बयान में कहा गया है कि देशभर में सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां भी बंद रहेंगी. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने ईंधन की बढ़ती हुई कीमतों और ई-वे बिल को लेकर बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है. लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी, स्वयं उद्यमियों एवं व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी व्यापार बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं. सभी राज्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं टैक्स अधिवक्ता के संगठन भी बंद को समर्थन देंगे. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में सभी राज्यों के लगभग 1500 छोटे-बड़े संगठन धरना दे रहे हैं.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि 22 दिसंबर और उसके बाद जीएसटी नियमों में एकतरफा अनेक संशोधन किये गए जिनको लेकर देशभर के व्यापारियों में बड़ा गुस्सा है. इन संशोधनों द्वारा कर अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं जिनमें विशेष तौर पर अब कोई भी अधिकारी अपने विवेक के अनुसार कोई भी कारण से किसी भी व्यापारी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर ससपेंड कर सकता है. उन्होंने कहा की इस प्रकार के नियमों से न केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा बल्कि अधिकारी किसी भी व्यापारी को प्रताड़ित कर सकेंगे. भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि इसी प्रकार जिस तरह से विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां अपने मनमाने तरीके से ई-कॉमर्स के कानून एवं नीतियों का उल्लंघन कर रही है उसको रोकने के लिए सरकार को शीघ्र ही एफडीआई पालिसी में नया प्रेस नोट जारी करना चाहिए और कानून का उल्लंघन करने वाली ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
बंद से ये चीजें रहेंगी बाहर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानें बंद में शामिल नहीं हैं. आम जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी रिहायशी कॉलोनियों में बंद से बाहर रहेंगी.
भारत बंद क्यों?
व्यापारियों और अन्य संघों का भारत बंद (Bharat Bandh) वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों में समीक्षा की मांग को लेकर किया जा रहा है. इसके अलावा ई-वे बिल (E-way Bill) को खत्म करने को लेकर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
किन सेवाओं पर पड़ेगा असर
1. व्यापारियों के संगठन CAIT से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली समेत देशभर के सभी राज्यों में छोटे-बड़े 1500 व्यापारी संगठन GST पोर्टल पर लॉग इन नहीं कर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. इसमें लघु उद्योग, हॉकर्स, महिला उद्यमी और व्यापार से जुड़े अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन भी शामिल होंगे.
2. अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने 26 फरवरी को भारत बंद बुलाया है. इसमें 40 हजार ट्रेडर्स एसोसिएशन शामिल हो रहे हैं, जो 8 करोड़ ट्रेडर्स की अगुवाई करते हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्टर्स की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी CAIT के भारत बंद का साथ देने का ऐलान कर दिया है, मतलब शुक्रवार को देश में ट्रकों का भी चक्का जाम रहेगा.
3. चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और टैक्स एडवोकेट्स के संघों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. इसलिए, उनकी सेवाएं प्रभावित रहने की संभावना है.
4. होलसेल एवं रिटेल बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे.
जानें क्या-क्या खुलेगा
1. देशव्यापी बंद से किसी को परेशानी ना हो इसलिए आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी. इसमें मेडिकल स्टोर, दूध, सब्जी आदि की दुकानें शामिल हैं.
2. रिहायशी कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी बंद से बाहर रहेंगी.
3. ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ेगा. केवल व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित रहने की संभावना है.
भारत बंद में किसानों के शामिल होने की अपील
दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को किसानों से 26 फरवरी को परिवहन एवं श्रमिक संघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने की अपील की. मोर्चा ने एक बयान में कहा कि वह परिवहन एवं श्रमिक संगठनों द्वारा शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करता है.
भारत बंद को लेकर व्यापारी संगठन बंटे
माल एवं सेवा कर (GST) और ई-कॉमर्स के मुद्दे पर भारत बंद को लेकर व्यापारी संगठन बंटे दिखाई दे रहे हैं. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का दावा है कि भारत व्यापार बंद में 40,000 से अधिक व्यापारिक संगठनों के आठ करोड़ व्यापारी शामिल होंगे. वहीं कुछ अन्य व्यापारी संगठनों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं. कैट ने कहा कि एक करोड़ ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है. हॉकरों के राष्ट्रीय संगठन हॉकर्स संयुक्त कार्रवाई समिति ने भी बंद का समर्थन किया है. हालांकि, अन्य व्यापारी संगठनों मसलन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं.