बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन (बीआईए) की ओर से ‘कृषि और विकास’ विषयक देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोई भी सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए निजी क्षेत्र को बाध्य नहीं कर सकती है। कहा कि एमएसपी पर खरीद को कानूनी स्वरूप देना भी संभव नहीं है, क्योंकि इसके लिए 10 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी नकारात्मक में रहने का अनुमान है।
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार खाद्य, फर्टिलाइजर, पीएम किसान, फसल बीमा व ब्याज अनुदान आदि के तौर पर वर्ष 2020-21 में किसानों को 6 लाख 56 हजार करोड़ अनुदान के तौर पर दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 तक जहां पंजाब प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में प्रथम स्थान पर था वहीं अब 13 वें स्थान पर है। खेती की विविधता अपनाए बिना केवल धान व गेहूं की खेती से किसानों की आय को नहीं बढ़ाया जा सकता है।
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 1990 तक भारत और चीन की प्रति व्यक्ति आय लगभग समान थी, मगर आज चीन की आय भारत से पांच गुनी अधिक है, क्योंकि चीन ने 1976 में ही आर्थिक व कृषि सुधार शुरू कर दिया था। कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अगले पांच साल में किसानों की आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया है वह कृषि में सुधार करके ही हासिल किया जा सकेगा।
सुशील मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण धान की फसल के लिए उपयुक्त पानी की प्रचुरता वाले बिहार, बंगाल और पूर्वी भारत की जगह पंजाब को प्रोत्साहित किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। व्याख्यान का संक्षिप्त परिचय पूर्व अध्यक्ष केपीएस केशरी ने दिया।
बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से ‘कृषि और विकास’ विषयक देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान में वक्तव्य-
* आजादी के 74 साल बाद की गई है कृषि में सुधार की कोशिश
* कोई भी सरकार निजी क्षेत्र को एमएसपी पर खरीद के लिए नहीं कर सकती बाध्य
* कोई भी सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए निजी क्षेत्रों को बाध्य नहीं कर सकती है। वहीं, एमएसपी पर खरीद को कानूनी स्वरूप देना भी संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए 10 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।
* केन्द्र सरकार खाद्य, फर्टिलाइजर, पीएम किसान, फसल बीमा व ब्याज अनुदान आदि के तौर पर वर्ष 2020-21 में किसानों को 6 लाख 56 हजार करोड़ का अनुदान के दिया है। एफसीआई के गोदाम में क्षमता से ढाई गुना अधिक अनाज हैं। 2000 तक पंजाब प्रतिव्यक्ति आय में पहले, आज 13 वें स्थान पर है।
* 1990 तक भारत और चीन की प्रति व्यक्ति आय लगभग समान थी, मगर आज चीन की आय भारत से पांच गुना अधिक है, क्योंकि चीन ने 1976 में ही आर्थिक व कृषि सुधार शुरू कर दिया, नतीजतन अगले छह साल में ही वह किसानों की आय दोगुनी करने में सफल रहा।
* नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अगले 5 साल में किसानों की आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया है वह कृषि में सुधार करके ही हासिल किया जा सकेगा।
* पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण धान की फसल के लिए उपयुक्त पानी की प्रचूरता वाले बिहार, बंगाल पूर्वी भारत की जगह पंजाब को प्रोत्साहित किया गया। वहां के किसान खेती की विविधता को न अपना कर अपने खेत के 85 प्रतिशत हिस्से में केवल धान व गेहूं की खेती करने लगे।
* फलतः वहां जमीनी पानी का अंधाधुंध दोहण और फर्टिलाइजर का अनियंत्रित उपयोग के कारण आज वहां भूजल स्तर 350 से 400 फीट नीचे चला गया है। रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग के कारण पीने के शुद्ध पानी का संकट गहराने के साथ ही पंजाब को रेगिस्तान बनने का खतरा उत्पन्न हो गया है।