बिहार विधान परिषद् के राज्यपाल कोटे की सीटों पर मनोनयन का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है। राज्यपाल मनोनयन की 12 सीटों में से 6 भाजपा के खाते में गई हैं। पार्टी से मिल रही अंदरूनी खबरों के मुताबिक इन 6 सीटों पर भाजपा ने नाम लगभग तय कर लिए हैं लेकिन नामों की इस लिस्ट पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अब तक नजर नहीं डाली है। माना जा रहा है कि 21 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की होने वाली बैठक में इन नामों पर मुहर लगाई जाएगी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे।
इससे पहले 20 फरवरी को भाजपा के देशभर के संगठन मंत्रियों की बैठक हो रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में सभी संगठन मंत्रियों से संगठनात्मक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी ली जानी है। इसमें बिहार से संगठन मंत्री नागेन्द्रनाथ और सह संगठन मंत्री शिवनारायण हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक के बाद कल यानी 21 फरवरी को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होनी है।
21 फरवरी को होने वाली बैठक में भाजपा के देशभर के प्रदेश अध्यक्षों के साथ ही प्रदेश प्रभारी और संगठन महामंत्री मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही भाजपा के सभी प्रमुख पदाधिकारी और पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य इसमें शामिल होंगे। बिहार से इसमें प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और भूपेन्द्र यादव के साथ ही संगठन मंत्री नागेन्द्र नाथ मौजूद रहेंगे। यह बैठक दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे से शुरू होगी। माना जा रहा है कि बैठक में पार्टी संगठन को लेकर मंथन करेगी। बैठक के बाद PM और गृह मंत्री के साथ पार्लियामेंट्री बोर्ड की अनौपचारिक बैठक हो सकती है, जिसमें विभिन्न राज्यों से जुड़े अलग-अलग फैसले लिए जाएंगे। बिहार से संबंधित राज्यपाल मनोनयन मामले पर भी फैसला लिया जाएगा।
देश में कोविड महामारी फैलने के बाद भाजपा की यह पहली बड़ी बैठक है। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले पार्टी की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे पहले यह बैठक 14 फरवरी को होनी थी जिसकी तारीख बाद में बढ़ाकर 21 फरवरी कर दी गई थी। रूपरेखा के लिहाज से देखें तो यह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अबतक अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं किया है, इसलिए इस बैठक को राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक का नाम दिया गया है।