दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च में बवाल के बीच प्रदेश के भी कई जिलों में ट्रैक्टर जुलूस का आयोजन किया गया। भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई। MSP को कानूनी दर्जा देने की मांग करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर जुलूस निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता भी शामिल हुए।पटना के फुलवारीशरीफ में आंदोलनकारी पचास से अधिक ट्रैक्टर और बाइक पर सवार होकर एम्स के पास पहुंचे। यहां से चितकोहरा गोलबंर तक मार्च किया। फिर वापस एम्स लौट गए। स्थानीय विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में इस इलाके में ट्रैक्टर जुलूस निकाला गया था।
2 घंटे तक मार्च
एम्स से लेकर चितकोहरा तक करीब 2 घंटे तक माले और किसान संगठनों के कार्यकर्ता मार्च करते रहे। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चितकोहरा गोलबंर पर लोगों को संबोधित करते हुए धीरेन्द्र झा ने कहा कि देश में चल रहे किसान आंदोलन ने आजादी के आंदोलन के दौर जैसी स्थिति पैदा की है। इस ट्रैक्टर मार्च में अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा, पोलित ब्यूरो के सदस्य अमर, माले के लोकप्रिय नेता मुर्तजा अली के अलावा राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
अररिया में ट्रैक्टर रैली
किसान विरोधी बिल के खिलाफ अररिया में विभिन्न किसान संगठनों ने मिलकर ट्रैक्टर मार्च निकाला। शहर के अलग-अलग इलाकों से होते हुए एनएच 57 पर जाकर मार्च खत्म हुई। इस दौरान अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम, विधायक आबिदुर रहमान, पूर्व विधायक जाकिर अनवर खान के साथ हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।
इन जिलों में भी आंदोलन
बेगूसराय में किसान महासभा व अन्य किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से मार्च का आयोजन किया। इसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।
वैशाली के लालगंज में किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने बाइक जुलूस निकाला।
दरभंगा में सौ से अधिक ट्रैक्टर को सड़क पर निकाला गया।। एनएच 57 पर विशाल जुलूस निकला।
इसमें माले के अलावा इंसाफ मंच और इनौस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
भोजपुर के गड़हनी में आइसा व इनौस के कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया, जिसमें विधायक मनोज मंजिल शामिल हुए।
कटिहार के बारसोई में विधायक महबूब आलम और जूही महबूबा के नेतृत्व में मार्च निकाला गया।