ऐसा माना जाता है कि खून पानी से ज्यादा गाढ़ा होता है, और कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा एण्डटीवी के शो हप्पू की उलटन पलटन, भाबी जी घर पर हैं गुड़िया हमारी सभी पे भारी और संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं के आगामी एपिसोड्स में। दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) इस बात की पूरी कोशिश करता है कि वह अपने बच्चों के व्यवहार को अच्छा बना सके लेकिन वह पारिवारिक बॉन्डिंग सेशन में बुरी तरह से असफल हो जाता है, जबकि मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौर) अंगूरी (शुभांगी अत्रे) के भविष्य को सुरक्षित करने की इच्छा रखता है क्योंकि वह अपनी जिंदगी में एक जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है। वहीं दूसरी तरफ राधे (रवि महाशब्दे) सीपरी के लिए चुनाव लड़ना चाहता है लेकिन वह अपने कदम पीछे ले लेता है क्योंकि इसके लिए उसे उसकी बेटी गुड़िया(सारिका बहरोलिया) से अपने रिश्ते की कीमत चुकानी पड़ती है।
संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं में दर्शक देखेंगे कि कैसे जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही स्वाति (तन्वी डोगरा) को बचाने के लिए इंद्रेश (आशीष काद्यान) महादेव के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाएगा। हप्पू की उलटन पलटन के योगेश त्रिपाठी उर्फ दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, यह सभी को पता है कि हप्पू के बच्चे हमेशा से ही शरारती रहें है। अम्मा(हिमानी शिवपुरी) की गैर मौजूदगी में, राजेश (कामना पाठक) जो पहले आराम करने की योजना बना रही थी वो अपने शरारती बच्चों से बहुत ज्यादा परेशान है। लेकिन बच्चे हप्पू को इतना परेशान कर देते हैं कि वह तंग आकर ये घोषणा कर देता है कि जो सबसे ज्यादा शरारती बच्चा होगा उसे बाहर दान कर दिया जाएगा। जिसके बाद बच्चे डर से और चिंतित होकर हप्पू और राजेश की बात मानने लग जाते हैं। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब ऋ्रतिक (आर्यन प्रजापति) राजेश की बात सुन लेता है और उसे ये पता चलता है कि यह सब एक झूठ था। अब ये शरारती पलटन क्या नई शरारत करने की फिराक में है
भाबी जी घर पर हैं के रोहित गौर उर्फ मनमोहन तिवारी ने कहा, एक शाम टीएमटी (वैभव माथुर, दीपेश भान और सलीम जैदी) विभूति (आसिफ शेख) और तिवारी की बातचीत सुन लेते हैं जहां तिवारी विभूति को ये बताता है कि वह कुछ गुंडों को जानता है जोकि उससे अपना बदला लेने से बिलकुल भी नहीं कतराएंगे। यह सुनने के बाद टीएमटी पहले उसे धमकी दने की योजना बनाते हैं और उसके बाद उसके बॉडीगार्ड बनकर उसकी रक्षा करते हैं। लगातार मिल रही धमकियों की वजह से आखिरकार, तिवारी बीमार पड़ जाता है और कुछ टेस्ट करवाने के बाद उसे ये पता चलता है कि उसे जिंदगी भर की बीमारी है। जिसके बाद अंगूरी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वह सुपारी दादा को खुद की सुपारी देता है ताकि वह उसकी बीमा राशि का लाभ उठा सके। उसे बाद में पता चलता है कि वह रिपोर्ट्स झूठी थी। अब तिवारी के साथ क्या होगा जिसने अपने आप को ही खत्म करने की सुपारी दी है।
गुड़िया हमारी सभी पे भारी के राधे, रवि महाशब्दे ने कहा , श्राधे का सपना सीपरी सभा का सदस्य बनने का है जोकि तब सच होता है जब नगर परिषद् चुनाव की घोषणा होती है। लेकिन उसका ये सफर शुरुआत से ही आसान नहीं है, क्योंकि उसे अपनी खुद की बेटी गुड़िया के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है और बाद में नगर परिषद् अधिकारियों के द्वारा तीन बच्चे होने के बजाय दो बच्चे बताने पर गलत समझ लिया जाता है। इन सब गड़बड़ी के बीच, गुड़िया ये घोषणा करने का निर्णय लेती है कि वो ये घोषणा कर देगी कि वह उसकी असली बेटी नहीं है। क्या राधे गुड़िया के इस स्टेटमेंट में उसके साथ खड़ा होगा और चुनाव के लिए योग्य हो पाएगा या फिर वह उसका भेद खोल देगा?
संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं के इंद्रेश(आशीष काद्यान)ने कहा, बली की गोली मारकर हत्या करने का दोष स्वाति पर है जिसकी वजह से वो सलाखों के पीछे है, तो वहीं दूसरी तरफ, हम देखते हैं देवेश (धीरज राय) स्वाति को छुड़ाने के बदलने में इंद्रेश के साथ समझौता करते हुए देखते हैं। वही जेल में एक एक कैदी स्वाति के कंधे पर छूरा घोप देती है और जिसके बाद इंद्रेश तुरंत ही उसे अस्पातल लेकर जाता है जहां पर उसे बताया जाता है कि उसकी हालत बहुत ही गंभीर है। क्या इंद्रेश की महादेव के प्रति भक्ति स्वाति को ठीक करने में सक्षम होगी?
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