केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के विरोध को दरकिनार करते हुए जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर स्थित 850 मेगावाट की रतले पनबिजली परियोजना के लिए 5281.94 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. पाकिस्तान भारत की इस परियोजना का विरोध करता आ रहा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 25 जून 2013 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने बांध के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि यह सिंधु जल संधि के अनुरूप नहीं है. पाकिस्तान ने इस परियोजना का विरोध करने के लिए विश्व बैंक से भी संपर्क किया. हालांकि पाक के विरोध के बावजूद भारत ने आखिरकार इस परियोजना को मंजूरी दी.
पाकिस्तान के विरोध के बावजूद विश्व बैंक ने दे दी मंजूरी
गौरतलब है कि अगस्त 2017 में विश्व बैंक ने भारत को बांध बनाने की अनुमति दी और अगले वर्ष यानी 2018 में राज्य सरकार ने निर्माण शुरू करने के प्रस्ताव के साथ केंद्र से संपर्क किया. यह निवेश राष्ट्रीय जल विद्युत निगम और जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम लिमिटेड की क्रमशः 51 फीसदी और 49 फीसदी हिस्सेदारी वाली एक नई संयुक्त उद्यम कंपनी (जेवीसी) द्वारा किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की इस परियोजना संबंधी इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी. सरकार भी रतले एचई परियोजना (850 मेगावाट) के निर्माण के लिए गठित की जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में जेकेएसपीडीसी के शेयर पूंजी योगदान के लिए 776.44 करोड़ रुपये का अनुदान के साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को आवश्यक सहयोग दे रही है.
10 साल तक मिलेगी छूट
रतले पनबिजली परियोजना को 60 माह की अवधि के भीतर चालू करने का लक्ष्य है. परियोजना को लाभप्रद बनाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार इस परियोजना के चालू होने के बाद 10 साल तक जल उपयोग शुल्क लगाने से छूट देगी, जीएसटी (यानी एसजीएसटी) में राज्य की हिस्सेदारी की पूर्ति करेगी और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली मुफ्त बिजली में नए तरीके से छूट देगी. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को मिलने वाली मुफ्त बिजली इस परियोजना के चालू होने के बाद पहले साल में 1फीसदी होगी और प्रति वर्ष 1फीसदी की दर से बढ़कर 12वें साल में 12 फीसदी हो जाएगी.
कई हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के मुताबिक, इस परियोजना की निर्माण संबंधी गतिविधियों के परिणामस्वरूप लगभग चार हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और इसके साथ ही यह परियोजना केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम योगदान देगी. इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर 5,289 करोड़ रुपये की मुफ्त बिजली पाने के साथ-साथ 40 वर्षों तक रतले पनबिजली परियोजना से 9,581 करोड़ रुपये के जल उपयोग शुल्क के माध्यम से लाभान्वित होगा.