बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की उल्टी गिनती शुरू है। एक-दो दिनों में कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच संभावित मंत्रियों के नाम भी फिजां में तैर रहे हैं। इनमें सबसे ऊपर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य बनने जा रहे सैयद शाहनवाज हुसैन का नाम है। भाजपा कोटे से इनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इन्हें कोई अहम विभाग मिलने की भी चर्चा है। वहीं जदयू में भी कुछ संभावित मंत्रियों के नाम फिजां में तैर रहे हैं।
वहीँ बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा है बिहार में जल्द ही बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. उनका यह भी दावा है कि यह काम इसी महीने हो जाएगा. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री जी ने कहा है तो यह स्वाभाविक है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. दरअसल, उम्मीद की जा रही थी कि खरमास (मकर संक्रांति) के बाद तुरंत ही कैबिनेट विस्तार हो जाएगा, लेकिन विस्तार टलते जाने से कई सवाल खड़े होने लगे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी में अभी कई पेच सुलझने बाकी हैं.
बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार में देर होने का साइड इफेक्ट सरकार के कामकाज पर साफ दिख रहा है. कैबिनेट विस्तार न होने के कारण सरकार के कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है. एक-एक मंत्री के पास कई-कई विभाग हैं. अब तो बजट सत्र की तारीख भी तय हो गई है. फिर भी मंत्रिमंडल विस्तार का मुद्दा नहीं सुलझ रहा है.
गौरतलब है कि नीतीश कैबिनेट में अभी सिर्फ 14 मंत्री हैं, जबकि विभागों की कुल संख्या 44 है. ऐसे में एक-एक मंत्री के पास कई-कई विभाग हैं, जिसके चलते वे अपने विभागों में बैठ भी नहीं पा रहे हैं. बता दें कि बीते वर्ष 16 नवंबर को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ लेकर कैबिनेट गठन किया था. बीजेपी के 7, जेडीयू के 5 थे. मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद 4 मंत्री ही बचे हैं. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के 1 और वीआईपी से मुकेश सहनी को मंत्री बनाया गया.
एनडीए सरकार को बने दो महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. इसकी एक बड़ी वजह है कि इस बार जिस तरह का जनादेश आया है, उसमें मंत्रिमंडल में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका चाहती है, जिस पर जेडीयू राजी नहीं है और वो 50-50 का फॉर्मूले चाह रही है.
बता दें कि बिहार के 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 15 प्रतिशत सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस लिहाज से बिहार में मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. इस बार बिहार चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं. वहीं, जेडीयू को 43, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी को भी चार सीटें मिली हैं.
ऐसे में अगर पिछली एनडीए की सरकार के आधर पर मंत्रियों की भागीदारी पर नजर डालें तो जदयू के मुख्यमंत्री सहित 22 विधायक मंत्री थे. बीजेपी के उपमुख्यमंत्री समेत 13 विधायक मंत्री बने थे. पिछली बार जेडीयू के विधायकों की संख्या 71 थी जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 54 थी. लेकिन, इस बार बीजेपी के 74 विधायक हैं और जेडीयू के 43 हैं.
अगर इस फॉर्मूले के आधार पर देखें तो एक 3.5 विधायकों पर एक मंत्री पद मिलता है. इस बार अगर इसका हिसाब लगाएं तो भाजपा के 19 और जदयू के 14 मंत्री हो सकते हैं. हम और वीआईपी को भी कम से कम एक-एक मंत्री पद चाहिए ही. सूत्रों से खबर है कि पेच यहीं फंसा हुआ है, क्योंकि जेडीयू 50-50 फॉर्मूले के आधार पर मंत्री पद चाहती है.
पिछले तीन दिनों से सरगर्मी तेज हुई है , मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद डॉ. संजय जायसवाल और संगठन महामंत्री नागेन्द्र दिल्ली गए थे। बुधवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पटना लौट आए तो उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बुधवार को राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को भाजपा कोटे से मंत्री बनने वालों के नाम तय हो जाएंगे। जदयू और भाजपा, दोनों ही खेमे में संभावित मंत्रियों में कुछ नए तो कुछ पुराने चेहरों के नाम सामने आ रहे हैं।
जदयू कोटे से जिनके मंत्री बनने की चर्चा है, उनमें श्रवण कुमार, सुधांशु शेखर, महेश्वर हजारी, मदन सहनी, बीमा भारती, दामोदर रावत, सुनील कुमार, लेसी सिंह, शालिनी मिश्रा, सुमित कुमार, नीरज कुमार, महेश्वर हजारी, दामोदर रावत के नाम सामने आ रहे हैं। जबकि भाजपा कोटे से संभावित मंत्रियों में सैयद शाहनवाज के अलावा संजीव चौरसिया, नितिन नवीन, राणा रणधीर सिंह, प्रमोद कुमार, भागीरथी देवी, नीतीश मिश्रा, रामप्रवेश राय आदि के नाम चर्चा में हैं।
हालांकि इस बीच जदयू और भाजपा के बीच मंत्रियों की संख्या तय होने को लेकर अटकलों का दौर जारी है। भाजपा सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में भाजपा के हिस्से में 22 तो जदयू को 14 मंत्री पद मिले हैं। हम और वीआईपी को क्रमश: जदयू और भाजपा अपने-अपने कोटे से मंत्रीपद देंगे। अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़कर 13 मंत्री हैं। इनमें जदयू से चार, भाजपा कोटे से सात जबकि हम व वीआईपी कोटे से एक-एक मंत्री शामिल हैं। वहीं एक चर्चा यह भी है कि मंत्रिमंडल में जदयू को 16, भाजपा को 18 और हम व वीआईपी के हिस्से में एक-एक मंत्री होंगे। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार होने तक संख्या को लेकर कयासों का दौर जारी रहेगा।