राजधानी में हुई रूपेश सिंह की हत्या का मामला हाईप्रोफाइल बन गया है। शक के दायरे में कई सफेदपोशों का नाम भी उछल रहा है लेकिन पुलिस उस बारे में चर्चा करने से बच रही है। हत्या के सौ घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस न तो शूटरों को दबोच सकी और ना ही साजिशकर्ता तक पहुंच सकी है। इस मामले में पुलिस को जिन लोगों की तलाश है उनमें अधिकांश गायब हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो शूटरों ने दूसरे प्रांत में शरण ले रखी है। इंडि़गो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के पांच दिन बीत जाने के बाद मामला पुलिस के लिए गले की फांस बनती जा रही है। कई बिंदुओं पर जांच पुलिस कर रही है। नित्य नये तथ्य जुड़़ रहे हैं। हालांकि पुलिस को रूपेश के मोबाइल और टैब से अहम जानकारियां मिली हैं जिसपर पुलिस काफी गोपनीय तरीके से काम कर रही है। कल तक पुलिस कह रही थी कि साक्षों को एकत्र किया जा रहा है और साक्षों के आधार पर खुलासा कर लेगी। पुलिस सूत्रों व स्पेशल टीम के मुताबिक कई बिंदुओं पर जांच के तहत पुलिस मिले सुराग का सत्यापन और साक्षों को एकत्र किया जा रहा है। बेली रोड़ से जुड़े़ एक प्रसंग की जानकारी मिली थी लेकिन उसमें पुलिस को जिसकी तलाश थी वह नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा कुछ ऐसे लोगों की ओर जांच मुड़़ रही है जिनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र करने व सत्यापन के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस बारे में कई तरह की अफवाहों ने भी चर्चा का बाजार गर्म कर रखा है लेकिन पुलिस साक्षों के आधार पर ही काम करेगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह तो साफ है कि मामला पेशेवर अपराधियों से जुड़़ा है और सुपारी किलिंग का हाथ है। पुलिस ने कुछ लोगों को रड़ार में ले रखा है। साजिशकर्ता की तलाश की जा रही है। उससे पहले पुलिस को शूटरों की तलाश है। विशेष टीम के अधिकारी के मुताबिक यह तो साफ हो गया कि लाइनर समेत शूटरों ने दूसरे शहर में शरण ले रखी है। विशेष टीम के सदस्य उन तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। पुलिस टीम के मुताबिक इस वारदात में लोकल लिंक की मदद से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस के पास कुछ ऐसे तथ्य हाथ लगे हैं जिसमें जल्द ही पुलिस टीम शूटरों को दबोच लेगी चाहे वह देश के किसी भी स्थान में छुपे बैठे हैं। पुलिस के एक बड़े़ अधिकारी के मुताबिक जांच की दिशा सही है। वक्त लग रहा है। पटना पुलिस के पास कुछ ऐसे तथ्य हैं जिनके आधार पर मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।
रूपेश सिंह हत्याकांड की समीक्षा के लिए सूबे के पुलिस मुखिया संजीव कुमार सिंघल शनिवार को एसएसपी उपेन्द्र शर्मा के कार्यालय पहुंचे। उनके साथ एड़ीजी विधि व्यवस्था अमित कुमार व मुख्यालय के तीन अन्य बड़े़ अधिकारी थे। एसएसपी उपेन्द्र शर्मा के कार्यालय में पुलिस महानिदेशक ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ रूपेश सिंह हत्याकांड़ की समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में आईजी संजय सिंह‚ सिटी एसपी मध्य विनय तिवारी के अलावा सिटी एसपी पूर्वी और पश्चिमी व ट्रैफिक एसपी भी मौजूद थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच व तफ्तीश से ड़ीजीपी को अवगत कराया गया। पुलिस टीम ने उन बिंदुओं की चर्चा की जिस वजह से हत्या की गयी। पुलिस टीम ने बताया कि इस मामले में वांक्षितों की तलाश में टीम लगातार छापेमारी और सूचना संकलन कर रही है। मामले का खुलासा करने में पटना पुलिस सक्षम है। बैठक के बाद पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल ने कहा कि मामला काफी संवेदनशील है। मामले में अहम जानकारियां मिलीं हैं। एसआईटी कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। पुलिस जल्द ही इस कांट्रेक्ट किलिंग का खुलासा कर लेगी।
रूपेश सिंह हत्याकांड के मामले में शक के आधार पर शनिवार की देर रात पुलिस ने पुनाईचक और राजाबाजार के नौ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों की मानें तो उठाये गये लोगों में जहां कई अपराधी प्रवृत्ति के हैं। वहीं कुछ के तार एयरपोर्ट से जुड़े रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि अपराधियों की तलाश में दिल्ली, यूपी व गोवा गई पुलिस टीम शनिवार को खाली हाथ पटना लौट आयी। ऐसे में सीसीटीवी का जो फुटेज हाथ लगा है, उसकी जांच व धुंधली तस्वीर उजागर करने के लिए लैब में भेजा गया है।
दरअसल, वारदात के बाद रूपेश सिंह की कार में मिले मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया है। कॉल डिटेल्स और मैसेज चैटिंग के दौरान हुई बातों को गंभीरता से लेते हुये एसआईटी मामले की तह तक जाने व हत्या से जुड़ी कड़ियों का पता लगाने में जुटी है। सूत्रों की मानें तो शनिवार की देर शाम पुलिस ने पुनाईचक, राजाबाजार, कंकड़बाग और दीघा में दबिश देकर नौ संदिग्धों को हिरासत में लिया। पुलिस की एक टीम ने टेंडर या रुपए की लेनदेन की जांच करने के लिए एक सरकारी विभाग में भी दबिश दी थी। माना जा रहा है कि हत्या के तार पटना और दो अन्य जिलों से जुड़ रहे हैं। ऐसी भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि हो न हो शूटर इन्हीं तीनों जिलों के हों।
रूपेश कुमार सिंह की हत्या में एक प्रशासनिक अधिकारी से पटना पुलिस की एसआईटी पूछताछ कर सकती है. पू्र्वी बिहार में तैनात इस अधिकारी से उनका नजदीकी सम्बन्ध बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार रूपेश के कहने पर उन्होंने कई लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया था. घटना के दिन उनकी कार से नई शर्ट मिले थे. ये शर्ट घटना के दिन ही खरीदे गए थे. जिस दुकान से रूपेश ने शर्ट खरीदे थे उस दुकानदार से भी एसआईटी ने पूछताछ की है. साथ ही एक आभूषण दुकानदार से भी पूछताछ करने की बात सामने आई है.
रूपेश सिंह की जिस प्रशासनिक अधिकारी से नजदीकी थी, उन्होंने इस आभूषण कारोबारी से गहने खरीदे थे. दरअसल पुलिस उन तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है जिनसे रूपेश के नजदीकी सम्बन्ध थे. इस हाईप्राेफाइल मामले में कुछ बड़े लोगो से भी गोपनीय तरीके से एसआईटी पूछताछ कर सकती है. हालांकि इस बाबत काेई भी पुलिस अधिकारी अभी मुंह नहीं खोल रहा है. 110 घंटे बाद भी पटना पुलिस इस मर्डर मिस्ट्री का ना कारण का पता लगा सकी है और ना ही शूटराें को तलाश सकी है.
रूपेश की हत्या के 110 घंटे से ज्यादा हाे गए हैं. 12 जनवरी की शाम शूटराें ने 92 सेकंड में ही उनके पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट के गेट पर ही उन्हें कार में फायरिंग कर गाेलियाें से भून डाला और फरार हाे गए. मामले की जांच करने के लिए पुलिस की एक टीम गाेवा भी गई थी और ये पता लगाने कि गाेवा में वो कहां ठहरे, किन-किन लाेगाें से उनकी मुलाकात हुई. गाेवा में रूपेश कहां-कहां गए. जांच कर टीम गाेवा से पटना लाैट गई. एक टीम दिल्ली भी गई थी वह भी लाैट गई, नतीजा सिफर ही रहा.
दरअसल रूपेश 7 जनवरी काे परिवार और बच्चाें के साथ गाेवा गए थे जिसके बाद वो 10 जनवरी काे रात आठ बजे पटना लाैटे. 11 जनवरी काे उन्हाेंने ड्यूटी ज्वाॅइन किया और 12 जनवरी काे उनका कत्ल कर दिया गया. पुलिस मुख्यालय रूपेश हत्याकांड की राेजाना माॅनिटरिंग कर रहा है. इसी सिलसिले में घटना के चार दिन बाद शनिवार काे डीजीपी एसके सिंघल और पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियाें की टीम एसएसपी दफ्तर पहुंची और जांच के बाबत एसएसपी व एसआईटी से फीडबैक लिया.
पुलिस ने पटना और आसपास के शूटराें की सूची बनाकर उनकी धर-पकड़ शुरू कर दी है. सूत्राें के अनुसार, दीघा, पुनाईचक, सचिवालय थाना इलाके से लेकर पटना सिटी, नाैबतपुर इलाके से कुल मिलाकर 10 संदिग्धाें काे पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन संदिग्धाें काे एसआईटी ने सीसीटीवी कैमरे में शूटराें की मिली तस्वीर काे दिखाया पर ये संदिग्ध शूटराें की पहचान नहीं सके. सेल में ले जाकर इन लाेगाें से पुलिस की तीन टीम पूछताछ करने में जुटी है. रूपेश की हत्या की जांच करने के लिए एसआईटी, एसटीएफ, सीआईडी की 20 से अधिक टीमाें काे लगाया गया है. पुलिस का सारा फाेकस ब शूटराें की गिरफ्तारी पर है.