मार्च २०२० के बाद सभी विद्यालयों में कक्षा ९ से १२ तक के लिए पठन–पाठन का कार्य चार जनवरी से प्रारंभ हुआ। स्कूलों ने इसकी तैयारी पहले ही कर ली थी। समग्र स्कूल परिसर‚ बसों इत्यादि को पूर्णतया सैनीटाइज कराया गया था। सभी शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों ने मास्क पहन रखा था। बच्चों को थर्मल स्कैनिंग‚ मास्क चेकिंग एवं सैनीटाइज कराने के बाद ही विद्यालय में प्रवेश कराया गया। प्रातः स्कूल बसों में भी कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया। प्रत्येक विद्यार्थी और शिक्षक मास्क धारण किए हुए थे। एक सीट पर एक ही विद्यार्थी या शिक्षक बैठे थे। सबके पास सैनीटाइजर की छोटी शीशी थी। सबने बसों में चढते हुए अपनी हथेलियां सैनीटाइज कीं। क्लास में भी एक डेस्क पर एक ही विद्यार्थी को बैठाया गया। पहले दिन अधिकतर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सामान्य से लगभग आधी ही थी। बच्चे काफी प्रसन्नचित्त थे। साथ ही अनुशासन एवं कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए नजर आये। ॥ उल्लेखनीय बात रही कि कोविड केयर कमेटियों का गठन एवं उनका सराहनीय योगदान। अनेक विद्यालयों ने बताया कि इन समितियों के सक्रिय सहयोग के बिना इन स्थितियों में सुगमता पूर्वक विद्यालय चलाना संभव नहीं था। बच्चों के व्यवहार में कुछ बदलाव भी दृष्टिगोचर हुए। बच्चों ने मास्क नहीं हटाया किन्तु उनमें आपस बात करने की प्रवृत्ति सामान्य से अधिक दिखी। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उनका विद्यालय में प्रथम दिन हो। लंच ब्रेक में बच्चों को टिफिन–शेयरिंग की अनुमति नहीं थी‚ जिसका बच्चों ने पालन किया। बच्चे खेल की घंटी के लिए भी निवेदन करते दिखे। कई विद्यालयों ने यह मांग की कि प्रार्थना सभा के आयोजन की अनुमति मिले‚ जो खुले स्थान और कोविड से संबंधित सभी सावधानियों के साथ हो।
विद्यालय अवधि के बाद विद्यार्थी अपने वाहनों या स्कूल बसों से अपने–अपने घर को गये। प्रत्येक बस में आखिरी बच्चे के उतरने तक एक शिक्षक की डियूटी लगाई गई थी। चालकों और उप चालकों का व्यवहार भी अत्यंत जिम्मेदारी से भरा दिखा। साथ ही पूरे शिक्षण समुदाय ने कोरोना की गंभीरता के अनुरूप सम्यक आचरण किया। डॅ. सीबी सिंह‚ अध्यक्ष एवं डॉ. राजीव सिन्हा‚ महासचिव एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स‚ बिहार ने बताया कि विद्यालयों में आज भले ही पढाई बहुत अधिक नहीं हो पाई हो किन्तु बदली हुई परिस्थितियों के साथ अनुकूलन में सबको पूरी सफलता मिली।
कल से शिक्षण कार्य को और विस्तार मिलेगा।
राजधानी में करीब दस महीने बाद शिक्षा का मंदिर गुलजार हो गया। कोविड़–१९ के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार से कॉलेजों एवं कोचिंग संस्थानों में शिक्षण कार्य प्रारंभ हुआ। पाटलिपुत्र विवि (पीपीयू) में सोमवार से विद्यार्थियों की ५० प्रतिशत के साथ कक्षाएं प्रारंभ हुई। मीडि़या प्रभारी ड़ॉ. बीके मंगलम ने बताया कि सभी कॉलेजों के प्राचार्यों एवं विभागाध्यक्षों को कोविड़ –१९ के नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। कक्षाओं में छात्रों की ५० प्रतिशत ही उपस्थिति रहेगी। यानी जो छात्र प्रथम दिन आयेंेगे वे दूसरे दिन की कक्षाओं में नहीं आयेंगे। कक्षाओं के शुरू होने से पहले सैनिटाइज करने के लिए कहा गया है। एक जगह भीड़़ न हो कॉलेज प्रशासन को इसका ख्याल रखना होगा। शिक्षक और कर्मचारी प्रत्येक दिन कार्यालया आयेंगे। वहीं‚ पटना विवि में भी कोविड़–१९ का पालन करते हुए सोमवार से कक्षाएं प्रारंभ हुई। वाणिज्य महाविद्यालय‚ पटना कॉलेज‚ साइंस कॉलेज‚ बीएन कॉलेज‚ मगध महिला कॉलेज‚ पटना वीमेंस कॉलेज में निर्धारित समय पर कक्षाएं चलीं। छात्र–छात्राओं की उपस्थिति ५० प्रतिशत से भी कम रही। कॉलेज और कोचिंग स्तर पर कक्षाओं में ५० प्रतिशत उपस्थिति कैसे हो पहले दिन इस विमर्श किया गया। चाणक्य आईएसएस एकेड़मी के रिजनल हेड़ ड़ॉ. कृष्णा सिंह ने बताया कि संस्थान में सोमवार से ऑफलाईन कक्षाएं शुरू कर दी गयीं हैं। ये कक्षाएं सरकार द्वारा जारी गाईड़लाइन के तहत कराई जा रहीं हैं। क्लास रूप को रिस्ट्रक्चर किया गया है। विद्यार्थियों को संस्थान की ओर से फेस शील्ड़ और मास्क उपलब्ध कराया गया है।