सरकार और किसानों के बीच वार्ता से फिर नतीजा नहीं निकला है। दोनों के बीच अगली वार्ता 8 जनवरी को होगी‚ लेकिन उससे पहले सबकी नजर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर रहेगी। कोर्ट ने किसान संगठनों से भी अपनी बात रखने को कहा है और सरकार से भी पूछा है कि क्या वो कृषि कानूनों को कुछ समय के लिए स्थगित नहीं कर सकती है। ॥ लगभग चार घंटे की वार्ता से इसलिए कोई नतीजा नहीं निकला‚ क्योंकि किसानों ने कृषि कानून रद् करने और एमएसपी पर कानून बनाने के सिवा अन्य किसी बात में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच अनाज खरीद से जुड़़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली को कानूनी गारंटी देने की किसानों की महत्वपूर्ण मांग के बारे में चर्चा नहीं हुई । इससे पहले बैठक शुरू होने पर जरूर उन किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया‚ जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी लेकिन इस बार किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ भोजन नहीं किया। किसानों ने लंगर का भोजन अपने समूह के साथ किया‚पिछली बार मंत्रियों के आग्रह पर उन्होंने उन्हें भी इसमें आमंत्रित किया था। वार्ता के बाद किसानों ने आंदोलन जारी रखने की भी बात कही और ये भी कहा कि उनके सभी कार्यक्रम पहले से तय अनुसार होंगे। किसानों ने अगली वार्ता से पहले ६ जनवरी को केएमपी एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर–ट्रॉली मार्च निकालने की घोषणा कर रखी है। अब देखना है कि क्या अगली वार्ता के मद्ेनजर किसान ट्रैक्टर–ट्रॉली मार्च को स्थगित करते हैं अथवा नहीं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर‚ रेलवे‚ वाणिज्य व खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री एवं पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में ४० किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ यह बातचीत की।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के साथ इस बैठक की शुरुआत हुई।
कृषि कानून रद्द करने की मांग पूरे देश की हैः हनन मुल्ला
किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा कि सरकार समझ गई है कि कृषि कानून रद् करने के सिवा अन्य कोई रास्ता नहीं है। किसान नेता ने कहा कि सरकार दबाव में है। उन्होंने कहा कि वार्ता में किसानों ने कृषि कानून रद् करने और एमएसपी कानून के सिवा कोई अन्य बात नहीं की।
तोमर बोले‚ दोनों ही पक्ष जल्द चाहते हैं समाधान
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चर्चा अच्छे वातावरण में हुई और दोनों ही पक्ष जल्द समाधान चाहते हैं। उन्होंने किसानों को संदेश देने के क्रम में ये भी कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान चाहते हैं कि सरकार रास्ता निकाले और उन्हें आंदोलन खत्म करने का रास्ता मिले।