बरेली शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिमों ने आई लव मोहम्मद का नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं अब मामले में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस का कहना है कि बरेली में हिंसा की प्लानिंग पिछले पांच दिनों से की जा रही थी, जिसके बाद सुनियोजित तरीके से शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान असामाजिक तत्वों ने पथराव और फायरिंग की। वहीं अब पुलिस की टीम उपद्रवियों की पहचान में जुटी हुई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सभी की पहचान की जा रही है।
आरोपियों पर लगाया जाएगा NSA
पुलिस सूत्रों की जांच में अभी तक सामने आया है कि हिंसा की प्लानिंग 5 दिन से चल रही थी। पुलिस के मुताबिक साजिश में जो भी लोग शामिल थे, उनकी पहचान की जा रही है। इसके अलावा सभी उपद्रवियों और साजिश में शामिल लोगों पर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस प्रदर्शन को ऑर्गनाइज करने वालों के खिलाफ भी NSA लगाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल पुलिस द्वारा तमाम लोगों की CDR खंगाली जा रही है। इसके अलावा जहां-जहां हिंसा हुई वहां के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
यह प्रदर्शन, उपद्रव अचानक से नहीं हुआ, बल्कि यह पूरी तरह से प्रायोजित था। लगातार पुलिस प्रशासन की तरफ से लोगों को समझाया जा रहा था कि जिले में धारा 163 लागू है, ऐसे में किसी भी व्यक्ति को प्रदर्शन की अनुमति नहीं।
इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर न सिर्फ प्रदर्शन किया, बल्कि पुलिस के रोकने पर उन पर हमला भी किया। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सिर्फ ज्ञापन देने की तैयारी नहीं थी, बल्कि पूरे शहर को हिंसा की आग में जलाने के लिए एक षड्यंत्र रचा गया था।
प्रायोजित तरीके से कराया गया पुलिस पर पथराव और शहर में तोड़फोड़
पुलिस-प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा को तो घर से निकलने नहीं दिया, लेकिन उनके आह्वान पर तमाम प्रदर्शनकारी हाथ में आई लव मुहम्मद के पोस्टर लेकर सड़कों पर निकल गाए। शुरूआत में पुलिस ने बैनर लेकर आए लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन, वह मानने की जगह उल्टा पुलिस से ही भिड़ गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू किया तो बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ दिया।
इसके बाद पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन करने वालों पर लाठीचार्ज किया गया। कई लोगों को हिरासत में लिया गया तो तमाम लोग मौके से फरार हो गए। इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि यह सिर्फ एक ज्ञापन सौंपने की बात नहीं थी। बल्कि शहर को जलाने का एक सोचा समझा षड्यंत्र था।
टाइमलाइन कब क्या हुआ…
दोपहर करीब तीन बजे ::
इस्लामियां ग्राउंड में कोई भी व्यक्ति न पहुंचे इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पूरे जिले में एसएसपी ने कुल 3218 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी।
इसमें 500 दारोगा, 200 दारोगा बाहर से, 2500 मुख्य आरक्षी व आरक्षी 13 सीओ व पांच एडिशनल एसपी शामिल थे। साथ ही आठ ड्रोन टीम, 15 क्यूआरटी को भी लगाया गया था।
शुक्रवार दोपहर सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने ड्यूटी स्थल पर तैनात थे। ढाई बजे की नमाज हो चुकी थी। करीब तीन बजे अचानक से खलील तिराहे के पास बने स्मार्ट सिटी के आडिटोरियम के पास भीड़ एकत्र होना शुरू हो गई।
गली और मोहल्लों से सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम युवक निकले और नारेबाजी करते हुए इस्लामियां की तरफ बढ़ने लगे।
ड्यूटी पर खड़ी फोर्स ने उन्हें रोकने का प्रयास किया मगर वह रुकने को तैयार नहीं थे तत्काल ही उच्चाधिकारियों को सूचना दी पास होने की वजह से चंद मिनट में डीआइजी अजय कुमार सहानी और एसपी सिटी मानुष पारीक पहुंच गए। उन्होंने भी लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया मगर भीड़ ने उनकी बात को अनसुनी कर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।
लाठीचार्ज का आदेश दिया और पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को पीटना शुरू कर दिया। पांच से 10 मिनट में सभी प्रदर्शनकारी भाग खड़े हुए। हालांकि, इस बीच उन्होंने काफी नुकसान भी किया।
दोपहर करीब 3:20 बजे
जीआईसी और नौमहला मस्जिद के पास अचानक से युवा उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस को साथ धक्कामुक्की कर इस्लामियां ग्राउंड की ओर भागने का प्रायस किया मगर पुलिस ने उन्हें रोका तो वह भी उग्र हो गए। इसके बाद वहां पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी। चंद मिनट में ही उपद्रवी वहां से भी फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने वहां पर और भी सख्त पहरा लगा दिया। नौमहला मस्जिद के पास का विवाद करीब 10 मिनट तक ही चला।
दोपहर 3:48 बजे नावल्टी पर शुरू
जीआईसी के सामने नौमहला मस्जिद का विवाद पुलिस ने शांत किया तब तक भीड़ आजमनगर, किला आदि की तरफ से भीड़ नावल्टी पहुंच चुकी थी। भीड़ बेरियर तोड़कर इस्लामिंया ग्राउंड तक आने का प्रयास कर रही थी मगर पुलिस ने नहीं आने दिया।
सभी उपद्रवियों के पास आई लव मुहम्मद के पोस्टर भी थे। धीरे-धीरे सभी नारेबाजी करने लगे पुलिस ने नारेबाजी को मना किया तो पुलिस से अभद्रता करने लगे। पुलसि ने फिर भी लोगों को समझाने का प्रयास किया मगर इसके बाद भी उपद्रवी एक भी सुनने को तैयार नहीं थे। इसी बीच अचानक से किसी ने पुलिस पर पत्थर फेंक कर मार दिया। इसके बाद पुलिस ने सभी पर लाठीचार्ज कर दी।
दोपहर 3:56 बजे रोडवेज पर
रोडवेज की तरफ भीड़ भागी तो पुलिस ने वहां पर भी उन्हें खदेड़ दिया। कुछ लोगों पर लाठीचार्ज की गई तो कुछ दुकानों में घुस गए। उपद्रवियों को जब दुकानदारों ने अपनी दुकान में घुसते देखा तो उन्होंनें भी वहां से उन्हें भगा दिया। यहां करीब पांच मिनट तक ही बबाल चला।
शाम 4:24 बजे श्यामगंज पर
श्यामगंज में एक घंटे से उपद्रवियों की भीड़ पुलिस की कंट्रोल से बाहर थी। वहां पर जब एसएसपी पहुंचे तो उन्होंने लाठी चार्ज का आदेश दिया। इसके बाद चंद मिनट में भी पूरी भीड़ तितर बितर हो गई। 10 मिनट तक उपद्रवियों को दौड़ाने के बाद वहां से अधिकारी रवाना हो गए।
जुमे की नमाज को देखते हुए पुलिस प्रशासन के लोग तैनात हैं दो दिनों से धर्मगुरुओं से भी बातचीत की गई कुछ जगहों पर खुराफातियों ने पुलिस पर प्रायोजित ढंग से पथराव किया। इस उपद्रव में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। सभी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके पीछे जो भी लोग हैं उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। – अजय कुमार साहनी, डीआईजी रेंज।