दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ 25 जून को संस्थान के दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र द्वारा गार्ड रूम में कथित तौर पर बलात्कार किया गया। लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में मनोजीत मिश्रा को मुख्य आरोपी जबकि जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को सह-आरोपी बनाया गया है। कॉलेज से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज ने छात्रा द्वारा पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में लगाए गए सामूहिक बलात्कार के आरोपों की पुष्टि की है। कौन हैं आरोपी मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय?
Kolkata law student gangrape: दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ 25 जून को संस्थान के दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र द्वारा गार्ड रूम में कथित तौर पर बलात्कार किया गया। लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में मनोजीत मिश्रा को मुख्य आरोपी जबकि जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को सह-आरोपी बनाया गया है। कॉलेज से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज ने छात्रा द्वारा पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में लगाए गए सामूहिक बलात्कार के आरोपों की पुष्टि की है। कौन हैं आरोपी मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय?
कोलकाता गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी 31 साल का मनोजीत मिश्रा शुरू से ही विवादों में रहा है। वह साउथ लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र और स्टूडेंट लीडर रहा है। शुरुआत में उसकी लॉ की पढ़ाई में काफी दिलचस्पी थी। लेकिन समय के साथ वह कैंपस की पॉलिटिक्स से जुड़ गया और फिर खुद को पूरी तरह से इसमें झोंक दिया। 2007 में कॉलेज में एडमिशन लिया था लेकिन उसने राजनीति के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ दी। उसका मन पढ़ाई से ज्यादा राजनीति में लगता था, 2012 में कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन का जनरल सेक्रेटरी भी रह चुका है। 2017 और फिर 2021 में मनोजीत का नाम कई विवादों से जुड़ा था।
पिता ने तोड़ दिया था रिश्ता
मनोजीत के पिता रॉबिन मिश्रा ने उसके चाल चलन की वजह से उससे अपने सभी संबंध तोड़ दिए थे और घर से निकाल दिया था। वह तृणमूल कांग्रेस यानी TMC की स्टूडेंट विंग तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद् (TMCP) की कॉलेज यूनिट का पूर्व प्रेसिडेंट था। फिलहाल अलीपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत करने के साथ ही कॉलेज में संविदा पर बतौर नॉन-टीचिंग स्टाफ एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिस का काम संभालता था।
उसकी पहचान कॉलेज के ‘पावर सेंटर’ की थी।
कौन है मनोजीत का दोस्त जैब अहमद
छात्रा से रेप मामले में मनोजीत की मदद करने के आरोपी 19 साल का जैब अहमद टॉपसिया इलाके के एक साधारण परिवार से आता है। वह लॉ के फर्स्ट इयर का स्टूडेंट है, कॉलेज में एक साल से पढ़ाई कर रहा है। 2024 में ही उसने कॉलेज में एडमिशन लिया था और तब से ही मनोजीत के संपर्क में आया था। मनोजीत के करीबी बनने के बाद से ही जैब स्टूडेंट यूनियन की एक्टिविटीज में शामिल रहने लगा था।
कौन है मनोजीत का दोस्त प्रमित मुखोपाध्याय
मनोजीत का करीबी बताया जा रहा 20 साल का प्रमित मुखोपाध्याय लॉ कॉलेज में सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है और बीते कुछ समय से मनोजीत का करीबी है। उसे कई बार मनोजीत के साथ देखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे मामले में उसकी कितनी भूमिका थी और क्या वह किसी दबाव में इसमें शामिल हुआ था या कोई और बात थी।
सीसीटीवी फुटेज बरामद, सच निकला पीड़िता का आरोप
पुलिस ने बताया कि साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज ने छात्रा द्वारा बलात्कार की शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है। फुटेज में 25 जून की घटना से पहले के पल भी कैद हुए हैं, जिसमें प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा को गार्ड के कमरे में जबरन घुसाते हुए दिखाया गया है। पुलिस ने शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “सीसीटीवी फुटेज से लड़की के आरोपों की पुष्टि होती है। इसमें तीनों आरोपियों, सुरक्षा गार्ड और पीड़िता की हरकतें दिखाई देती हैं। हम फिलहाल फुटेज की जांच कर रहे हैं।
पीड़िता के साथ क्या-क्या हुआ, मदद करने वाले जैब-प्रमित भी गैंगरेप में बराबर के आरोपी क्यों और दोषी पाए गए तो कितनी सजा होगी;
सवाल-1: कोलकाता में लॉ स्टूडेंट से गैंगरेप मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
जवाब: 26 जून को कोलकाता के कसबा थाने में एक 24 साल की लॉ स्टूडेंट पहुंची और बताया कि कल शाम कोलकाता यूनिवर्सिटी के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज कैंपस में मेरे साथ रेप हुआ है। शिकायत में कहा कि उसके साथ कॉलेज के एक पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा ने कॉलेज के गार्ड रूम में रेप किया। कॉलेज के दो अन्य छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी ने साथ दिया। उन्होंने मनोजीत के कहने पर बाहर से गार्ड रूम का गेट बंद कर दिया और गार्ड को पहरे पर लगा दिया।
शिकायत के बाद 12 घंटे के अंदर पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्र और उसके साथी- जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन सभी पर गैंगरेप की धारा में मामला दर्ज कर कोलकाता की अलीपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर तीनों आरोपियों को 1 जुलाई तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है।
28 जून को कॉलेज के गार्ड को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। फोरेंसिक जांच के लिए कॉलेज कैंपस को सील कर दिया गया है।
सवाल-2: पीड़िता ने पुलिस को अपनी आपबीती में क्या-क्या बताया?
जवाब: पीड़िता ने खुद FIR दर्ज कराई, जिसमें गैंगरेप की पूरी आपबीती बताई है। FIR में दर्ज आपबीती के प्रमुख हिस्सों को हम यहां हूबहू रख रहे हैं…
‘25 जून को दोपहर 12:05 बजे मैं एग्जाम का फॉर्म भरने कॉलेज गई थी। फॉर्म भरकर मैं स्टूडेंट्स के साथ यूनियन रूम में बैठी थी। तभी मनोजीत अंदर आया।
वो अनऑफिशियली कॉलेज की TMCP यूनिट का हेड है। सब उसकी बात सुनते हैं। वो सबको TMCP में पोस्ट दे रहा था। मुझे भी गर्ल्स सेक्रेटरी की पोस्ट दी गई थी।
करीब 4 बजे कुछ स्टूडेंट्स जाने लगे तो मैं भी घर जाने के इरादे से निकली। कॉलेज के मेन गेट पर मुझे जनरल सेक्रेटरी मिल गईं। हम यूनियन रूम के सामने बैठकर बातें करने लगे। तभी मनोजीत बिस्किट का एक पैकेट लेकर वापस आया और मुझे TMCP यूनिट के बारे में बात करने के लिए यूनियन रूम में बुलाया।
इसी बीच प्रमित ने मुझसे मनोजीत और यूनिट के प्रति वफादारी की बात कही। मैंने बतौर गर्ल्स सेक्रेटरी, TMCP और मनोजीत के लिए वफादारी का वादा किया।
कुछ देर बाद मनोजीत ने पूछा कि क्या प्रमित ने तुम्हें सब समझा दिया। मैंने कहा- हां दादा, आप चिंता न करिए, मैं हमेशा यूनिट के साथ रहूंगी।
इसके बाद मनोजीत बोला- नहीं, उस बारे में नहीं और फिर उसने मुझे शादी के लिए प्रपोज किया। मैंने मनोजीत को बताया कि मेरा बॉयफ्रेंड है और मैं उसे बहुत प्यार करती हूं। उसे नहीं छोड़ सकती। इस बातचीत के बाद हम यूनियन रूम में चले गए।
करीब 7:30 बजे मैं अपना सामान लेकर निकलने लगी, तभी मनोजीत ने मुझे रोका और इशारे से जैब और प्रमित को बाहर भेजा। दोनों ने रूम बाहर से लॉक कर दिया।
‘मनोजीत मुझे वॉशरूम के पास ले गया और सेक्स करने के इरादे से जबरदस्ती करने लगा। मैंने मना किया, लेकिन वह नहीं माना। मुझे पैनिक अटैक आया और सांस उखड़ने लगी।
मैंने कहा- कम से कम इनहेलर तो ला दो। जैद इनहेलर लेकर अंदर आया। मेरी तबीयत कुछ ठीक हुई तो मैं बाहर आ गई। देखा कि उन्होंने मेनगेट लॉक कर दिया है। गार्ड ने भी मेरी मदद नहीं की। मनोजीत के कहने पर जैद और प्रमित मुझे जबरदस्ती गार्ड रूम में ले गए और गार्ड से बाहर बैठने को कहा।
मनोजीत ने मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ रेप करने लगा। जब मैंने खुद को बचाने की कोशिश की, तो उसने मुझे ब्लैकमेल किया और धमकी दी कि वह मेरे बॉयफ्रेंड को मार देगा और माता-पिता को अरेस्ट करवाएगा। उसने मुझे रेप के दौरान बनाए मेरे दो वीडियो दिखाए और कहा- अगर को-ऑपरेट नहीं किया या मेरे बुलाने पर नहीं आई तो सबको वीडियो दिखा देगा।
जब मनोजीत मेरा रेप कर रहा था, तब प्रमित और जैद खड़े सब देख रहे थे। मेरे सिर में बहुत चोट आई, लेकिन उसने मुझे नहीं छोड़ा। फिर मैंने संघर्ष करना बंद कर दिया ताकि मैं जल्दी से कमरे से बाहर निकल सकूं। उसने मुझे हॉकी स्टिक से भी मारने की कोशिश की। मैंने खुद को एक लाश की तरह छोड़ दिया।
मैं रात को 10:50 बजे कमरे से निकल पाई। उसने कहा- लोगों से कहना कि हम यूनिट के बारे में चर्चा कर रहे थे। मेरा फोन जैद के पास था, मैंने यूनियन रूम में जाकर उससे अपना फोन लिया और कॉलेज से बाहर चली आई। मैंने पापा को कॉल करके बुलाया और पूरी बात बताई। मनोजीत की पावर देखकर मैं FIR लिखवाने में डर रही थी, लेकिन अब मैं पीछे नहीं हटूंगी।’
सवाल-3: गैंगरेप के आरोपी मनोजीत, जैब और प्रमित की हिस्ट्री क्या है?
जवाब: लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में मनोजीत मिश्रा को मुख्य आरोपी जबकि जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को सह-आरोपी बनाया गया है।
मनोजीत मिश्रा: मुख्य आरोपी
- 31 साल का मनोजीत साउथ लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र और स्टूडेंट लीडर रहा है। वह तृणमूल कांग्रेस यानी TMC की स्टूडेंट विंग तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद् (TMCP) की कॉलेज यूनिट का पूर्व प्रेसिडेंट है। 2012 में कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन का जनरल सेक्रेटरी भी रह चुका है।
- फिलहाल अलीपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत करने के साथ ही कॉलेज में संविदा पर बतौर नॉन-टीचिंग स्टाफ एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिस का काम संभालता था।
- सामान्य बंगाली परिवार से आने वाला मनोजीत लॉ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में आया। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी वह कॉलेज की स्टूडेंट यूनियन में दखल रखता रहा। उसकी पहचान कॉलेज के ‘पावर सेंटर’ की थी।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोजीत पर इससे पहले भी यूनियन से जुड़े विवादों में दबाव बनाने और धमकी देने के आरोप लगे, लेकिन TMC से नजदीकी के चलते, कभी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
- कॉलेज के एक स्टूडेंट ने भास्कर को बताया, ‘मनोजीत लड़कियों को छेड़ता है और उन्हें कॉम्प्रोमाइज करने के लिए कहता है। वो लड़कियों को पार्टी में पद और एग्जाम में नंबर दिलवाने का झांसा देता रहा है। पहले भी उसके खिलाफ 20 शिकायतें आ चुकी हैं। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप लग चुके हैं। मनोजीत, अभिषेक बनर्जी का करीबी है।’
- एक अन्य स्टूडेंट ने बताया, ‘मैंने विक्टिम से बात की है। वो बहुत डरी हुई है। परिवार कह रहा है कि उन पर FIR वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।’
जैब अहमद: सह-आरोपी
- 19 साल का जैब अहमद टॉपसिया इलाके के एक साधारण परिवार से आता है। लॉ की पहले साल की पढ़ाई कर रहा है।
- 2024 में ही उसने कॉलेज में एडमिशन लिया था। जैब स्टूडेंट यूनियन की एक्टिविटीज में शामिल रहने लगा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात मनोजीत से हुई और वह मनोजीत का करीबी बन गया।
प्रमित मुखोपाध्याय: सह आरोपी
- 20 साल का प्रमित लॉ कॉलेज में सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। बीते कुछ समय से उसे कई बार मनोजीत के साथ देखा गया।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे मामले में उसकी कितनी भूमिका थी और क्या वह किसी दबाव में इसमें शामिल हुआ।
सवाल-4: जब रेप मनोजीत ने किया, तो जैब और प्रमित पर गैंगरेप का मामला क्यों दर्ज किया गया?
जवाब: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और ‘रेप लॉज एंड डेथ पेनल्टी’ किताब के लेखक विराग गुप्ता कहते हैं कि इस मामले में सिर्फ मनोजीत मुख्य आरोपी है, बाकी दो लोग पीड़िता को डरा-धमका रहे थे, वीडियो बना रहे थे। इन दोनों ने भले ही पीड़िता के साथ रेप न किया हो, लेकिन आपराधिक उत्तरदायित्व के तहत तीनों के खिलाफ धारा-70 के प्रावधानों के अनुसार गैंगरेप का मामला चलेगा।
आपराधिक उत्तरदायित्व को समझाते हुए विराग कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में एक फैसला दिया था कि अगर आरोपियों की रेप की सामूहिक मंशा हो, तो रेप न करने वाले सह-आरोपियों को भी अपराध के लिए उत्तरदायी माना जाएगा और उन पर गैंगरेप का मामला बनता है।’
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के एक फैसले में भी इस सामूहिक आपराधिक उत्तरदायित्व की पुष्टि की थी।
कोलकाता के मामले में दोनों सह-आरोपियों को गैंगरेप के जुर्म में सजा दिलाने के लिए पुलिस को सबूतों के साथ यह साबित करना होगा कि उन्होंने मुख्य आरोपी के साथ मिलकर रेप का प्लान बनाया और तीनों का इरादा रेप को अंजाम देने का था।
सवाल-5: अगर दोषी पाए गए तो तीनों को क्या सजा हो सकती है?
जवाब: तीनों आरोपियों पर छात्रा को बंधक बनाने के लिए BNS की धारा 127(2), गैंगरेप के लिए धारा 70(1) और सामूहिक रूप से अपराध करने की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विराग गुप्ता के मुताबिक, धारा-127 के तहत 1 साल की सजा या 5 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। धारा-3 (5) और धारा-70 (1) के तहत कम से कम 20 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। इसके साथ भारी जुर्माना भी लग सकता है।
सवाल-6: अगर रेप पीड़िता और मुख्य आरोपी पहले से एक-दूसरे को जानते थे, तो क्या सजा पर कोई फर्क पड़ सकता है?
जवाब: विराग गुप्ता के मुताबिक, पीड़िता का आरोपियों से पहले से परिचय होने से अपराध और उसकी सजा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सिर्फ शादीशुदा पति को रेप कानून के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान है। लिव-इन के ज्यादातर मामलों में भी जबरदस्ती बनाए गए यौन संबंधों के मामलों में रेप के तहत मामला दर्ज होता है। हालांकि अगर शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने का आरोप हो, तो अदालत सबूतों के आधार पर नरमी बरत सकती है।
सवाल-7: इस पूरे मामले पर राजनीतिक पार्टियां क्या कह रही हैं?
जवाब: पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी सीएम ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग कर रही है। बीजेपी के नेता, मनोजीत की ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और पार्षद कावेरी बनर्जी के साथ की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर लिखा, ‘एक बार फिर ममता बनर्जी की सरकार आरोपियों के साथ खड़ी दिख रही है!’ 28 जून को घटना का विरोध कर रहे केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार को कोलकाता में हिरासत में लिया गया।
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘अगर एक दोस्त, दूसरे दोस्त का रेप करता है तो क्या कर सकते हैं? क्या स्कूल में भी पुलिस रहेगी?’
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘विधानसभा में अपराजिता विधेयक पारित किया गया था। इसमें रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। ये अब तक कानून नहीं बन पाया है, क्योंकि BJP ने इस पर अड़ंगा लगा रखा है। अगर BJP गंभीर है, तो बिल का समर्थन करे।’
सवाल-8: क्या है पश्चिम बंगाल का अपराजिता कानून, ये लागू क्यों नहीं हो पाया?
जवाब: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित किया था, जिसे ‘अपराजिता कानून’ कहते हैं।
विराग गुप्ता के मुताबिक, इसमें केंद्रीय कानूनों- BNS, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी BNSS और पॉक्सो एक्ट में संशोधन करके FIR दर्ज होने के 21 दिन में जांच पूरी करने और दोष साबित होने पर 10 दिन में फांसी का प्रावधान किया गया है। हालांकि केंद्रीय कानूनों में बदलाव करके पश्चिम बंगाल के अपराजिता कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है, जो कि अब तक नहीं मिली है।