अमेरिका के लॉस एंजिलिस में 5 दिनों से जारी प्रदर्शन के कारण शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने इमरजेंसी की घोषणा की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन अमेरिका के 12 राज्यों के 25 शहरों तक फैल चुका है। सैन फ्रांसिस्को, डलास, ऑस्टिन, टेक्सास और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।
हालात पर काबू पाने के लिए ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में 4 हजार नेशनल गार्ड के अलावा 700 मरीन कमांडो को भी तैनात कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालात खराब हो रहे हैं। जरूरत पड़ने पर वे पूरी ताकत से निपटेंगे। वहीं, सोमवार-मंगलवार को लॉस एंजिलिस पुलिस ने करीब 1100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
उपद्रवियों ने कई दुकानों में चोरी और लूटपाट की
लॉस एंजिलिस में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के विरोध में चोरी और लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। मंगलवार को नकाबपोश दंगाइयों ने एक मॉल में स्थित जारा स्टोर में तोड़फोड़ और लूटपाट की।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग जारा स्टोर के दरवाजे तोड़कर अंदर घुसते और सामान लूटते दिखे। एक अन्य वीडियो में कुछ उपद्रवी एडिडास स्टोर, फार्मेसियां, मारिजुआना दुकानें और ज्वेलरी शॉप्स में भी तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं।
लॉस एंजिलिस पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारी क्रिस मिलर ने बताया- एक महिला को एपल स्टोर में चोरी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
ट्रम्प बोले- जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करूंगा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि अगर लॉस एंजिलिस में हिंसा जारी रही तो वे पूरे शहर में विद्रोह कानून लागू कर सकते हैं। यह कानून सरकार को हिंसा रोकने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने की इजाजत देता है।
ट्रम्प ने कहा,
पिछले 2 दिन से हालात बेहद बिगड़ रहे हैं, अगर बगावत हुई तो मैं जरूर विद्रोह कानून लागू करूंगा।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली आर्मी परेड के दौरान प्रदर्शन को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शन करता है तो उसे सेना का सामना करना पड़ेगा। 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है।
इस हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। यह हिंसक प्रदर्शन अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ हो रहे हैं। फिलहाल लॉस एंजिलिस में हिंसा थमती नजर आ रही है।
ट्रम्प की पार्टी का आरोप- प्रदर्शनकारियों को डेमोक्रेट और चीन पैसे दे रहे
ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने लॉस एंजिलिस में प्रदर्शनों को लेकर डेमोक्रेट नेताओं और चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपब्लिकन सांसद बिल एसेयली ने एक पोस्ट में लिखा- इन प्रदर्शनों की फंडिंग डेमोक्रेट समर्थित संगठनों और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी संस्थाओं द्वारा की जा रही है।
एसेयली ने कहा कि ICE के खिलाफ यह प्रदर्शन चिरला ने आयोजित किया था। जिसे 2023 में बाइडेन प्रशासन के दौरान करीब 285 करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। मार्च 2025 में होमलैंड सिक्योरिटी ने उनकी फंडिंग पर रोक लगाई और बकाया राशि वापस ले ली।
रिपब्लिकन नेताओं ने PSS पर भी शक जताया है कि उसे चीनी अरबपति नेविल सिंगहम से फंडिंग मिलती है। जो अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को पैसे देते हैं।
लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड तैनात किए
राष्ट्रपति ट्रम्प ने लॉस एंजिलिस में हालात को काबू करने के लिए 2000 नेशनल गार्ड्स को भेजा है। हालांकि, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बैस ने नेशनल गार्ड्स भेजने का विरोध किया है। यह पहला मौका है जब किसी राज्य में नेशनल गार्ड को बिना गवर्नर की अनुमति के भेजा गया।
लॉस एंजिलिस में 6-7 जून को सरकार ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ एक अभियान चलाया था। इसी का विरोध हो रहा है। छापेमारी राष्ट्रपति ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी का हिस्सा है।

मेयर बोली- हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं
ट्रम्प के नेशनल गार्ड और मरीन्स को भेजने की आलोचना करते हुए लॉस एंजिलिस मेयर बास ने कहा-
अभी हम अंधेरे में हैं। हमें नहीं पता कि कब क्या होने वाला है। हमारे पास इस स्थिति से निपटने की क्षमता है, और हमें सेना या नेशनल गार्ड की जरूरत नहीं है, खासकर तब जब हमने इसके लिए कहा ही नहीं था। राष्ट्रपति ने राज्यपाल से शक्ति छीन ली है, यह अस्वीकार्य है।
वहीं, ट्रम्प ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम को गिरफ्तार करने की बात कही थी। ट्रम्प ने कहा, “न्यूसम ने बहुत खराब काम किया है। उनका सबसे बड़ा जुर्म है कि वो फिर से गवर्नर बनना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें न्यूसम पसंद हैं, लेकिन कामकाज में कमजोर लगते हैं।
3000 आप्रवासियों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य
ट्रम्प की डिपोर्टेशन पॉलिसी के तहत ICE को हर दिन बिना दस्तावेज वाले 3000 आप्रवासियों को रिकॉर्ड संख्या में गिरफ्तार और डिपोर्ट करने का लक्ष्य है। छापेमारी की एक वजह कुछ व्यापारियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करना भी है।
अधिकारियों के मुताबिक, हर दिन करीब 1600 अवैध अप्रवासियों को पकड़ा जा रहा है। दरअसल, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने दावा किया कि एक हजार प्रदर्शनकारियों ने एक फेडरल ऑफिस को घेरकर ICE अधिकारियों पर हमला किया।
इन प्रदर्शनकारियों में मुख्य तौर से आप्रवासी समुदाय के समर्थक, स्थानीय निवासी, और आप्रवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन जैसे कोएलिशन फॉर ह्यूमन इमिग्रेंट राइट्स और नेशनल डे लेबर ऑर्गनाइजिंग नेटवर्क के सदस्य हैं।
मिलिट्री स्टाइल में की गई छापेमारी
ICE, होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS), FBI और ड्रग इन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) के एजेंट्स ने मिलिट्री स्टाइल में छापेमारी की।
एजेंट्स ने भारी हथियारों और सिक्योरिटी गियर जैसे गैस मास्क पहने थे। उन्होंने फ्लैश-बैंग ग्रेनेड, आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया।
वेस्टलेक डिस्ट्रिक्ट में दो होम डिपो स्टोर, फैशन डिस्ट्रिक्ट में अंबियांस अपैरल, साउथ लॉस एंजिलिस में एक वेयरहाउस और एक डोनट शॉप पर छापेमारी की गई
ट्रम्प ने US-मेक्सिको बॉर्डर बंद करने का वादा किया है
ट्रम्प ने अवैध प्रवासियों को रिकॉर्ड संख्या में निर्वासित करने और अमेरिका-मेक्सिको सीमा बंद करने का वादा किया है। व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने प्रदर्शनों को कानून और देश की संप्रभुता के खिलाफ विद्रोह करार दिया।