पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के 35 घंटे के बाद दिल्ली में हलचल है. सेना अपना काम पूरा कर चुकी है और अब मोर्चा विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल संभाले हुए हैं. बुधवार को दिनभर कूटनीतिक मोर्चे पर एक्टिव रहे डोभाल गुरुवार सुबह अचानक पीएम मोदी ने मिलने उनके आवास पर पहुंचे. यह बैठक करीब 50 मिनट तक चली. जिस वक्त यह बैठक चल रही थी, ठीक उसी दौरान सर्वदलीय मीटिंग में विपक्षी नेताओं को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ऑपरेशन सिंदूर का अपडेट दे रहे थे. इस ऑपरेशन में पूरा भारत एक है. सियासी मतभेद भुलाकर सभी दल और दिल मिले हुए हैं.
50 मिनट तक डोभाल ने PM मोदी को क्या बताया
पीएम मोदी और डोभाल की बैठक में हुआ क्या? पीएम मोदी को क्या क्या चीजें इतनी डीटेल्स में बताई गईं? माना जा रहा है कि भारत के ‘जेम्स बॉन्ड’ कहे जाने वाले डोभाल ने कूटनीतिक और इंटेलिजेंस मोर्चे पर सारी जानकारियां पीएम के सामने रखीं. ऑपरेशन सिंदूर के बदलते हालात पर प्रधानमंत्री को ब्रीफ किया गया है. भारत के लिए ऑपरेशन के बाद का यह वक्त कूटनीतिक लिहाज से बेहद अहम है. यह बात बिल्कुल साफ हो गई है कि पाकिस्तान भारत से सैन्य मोर्चे पर टकराने की हालत में नहीं है. पाकिस्तान अब दुनिया के सामने विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश में लग गया है. उसके मंत्री विदेशी टीवी चैनलों पर इंटरव्यू दे रहे हैं. खुद को बेकसूर बता रहे हैं. हालांकि, वहां भी उन्हें मुंह की खानी पड़ रही है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री और सूचना मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर जिस तरह झूठी कहानी गढ़ी, उससे उनकी ही फजीहत हो गई. विदेशी पत्रकारों ने उनको की कटघरे में खड़ा कर दिया. वहीं भारत पाकिस्तान के इस दुष्प्रचार और ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया के देशों को कूटनीति के जरिए साध रहा है. इसमें बड़ी कामयाबी भी मिली है.
Operation Sindoor पर आज के बड़े अपडेट
- देशभर में 21 एयरपोर्ट्स को 10 मई तक किया गया बंद
- एलओसी पर हाई अलर्ट पर भारतीय सेना
- जोधपुर में भी निजी और सरकारी स्कूलों को अगले आदेश तक किया गया बंद
- पाकिस्तान के लाहौर में सुनी गई धमाकों की आवाज
- ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हो रही सर्वदलीय बैठक
इसी कूटनीतिक मुहिम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बुधवार को दिनभर ऐक्टिव रहे थे. उन्होंने दर्जनभर से ज्यादा देशों के सुरक्षा सलाहकार से बात की. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जापान, रूस और फ्रांस के एनएसए शामिल थे. अपने समकक्षों को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ भारत के मिसाइल हमलों के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो वह ‘मजबूती से जवाबी कार्रवाई’ करने के लिए तैयार है.